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Section 269ST के तहत Cash Transaction Limit क्या है? नगद लेन देन में ये है जुर्माने का प्रावधान

Cashless लेन देन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 1 अप्रैल 2017 से इनकम टैक्स एक्ट 1961 में सेक्शन 269ST को जोड़ा है।

केंद्र की मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है तब से भारत को कैशलेस अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है। वहीं, इस Cashless Economy को पूरे में लागू करने और उसे बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है। गौरतलब है कि सरकार ने नकदी लेने देन को कम करने और Cashless लेन देन को बढ़ाने के लिए हाल ही में एक नया कानून बनाया है, जिससे यदि कोई सरकार द्वारा तय लिमिट से ज्यादा Transactions करते हैं तो कानून के मुताबिक सरकार उस Penalty भी लगाएगी।

कैशलेस क्या है|What is Cashless

कैशलेस/Cashless लेन देन का अर्थ उन सौदों या भुगतान से होता है, जब किसी वस्तु या सेवा को खरीदने के लिए भुगतान नगद रुपए या कैश में न करके ऑनलाइन तरीकों जैसे मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, UPI या भीम ऐप या किसी अन्य तरीके से जैसे मोबाइल वॉलेट आदि माध्यमों से होता है।

Cash Transactions लिमिट

Cashless लेन देन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 1 अप्रैल 2017 से इनकम टैक्स एक्ट 1961 में सेक्शन 269ST को जोड़ा है। जिसके मुताबिक यदि कोई 2 लाख या इससे अधिक का Cash Transactions करता है, तो इस कानून के तहत उस पर पेनल्टी लगाई जाएगी।

सेक्शन 269एसटी क्या है|What is Section 269ST

आयकर अधिनियम के Section 269ST तहत यदि कोई व्‍यक्ति किसी दूसरे व्‍यक्ति या संस्‍था से एक बार में दो लाख रुपए या उससे अधिक की राशि नगद रूप में नहीं ले सकता है। इस नियम का पालन ना करने वाले पर 100 फीसदी जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह जुर्माना उस व्‍यक्ति पर लगाया जाएगा जिसने कैश में राशि स्‍वीकार की है। आयकर अधिनियम के इस नए नियम का पालन करवाने के लिए नए Section 271DA को लाया गया है।

ऐेसे समझिए.. यदि किसी व्यक्ति ने एक दिन में 2 लाख 10 हजार रुपए से अधिक की राशि प्राप्त की है तो उस पर जुर्माने की राशि भी 2 लाख 10 हजार रुपए होगा।

नोट.. यदि लेन देन Self Cheque या Bearer Cheque के माध्यम से प्राप्त किया जा रहा है, तो इसे भी Cash Transactions ही माना जायेगा और पेनल्टी लगायी जाएगी।

सरकार और बैंकों पर लागू नहीं होता Section 269ST

Section 269ST में सरकार और बैंकों को छूट प्रदान की गई है। इसलिए, यदि आप 2 लाख या उससे अधिक की राशि प्राप्त कर रहे है, तो इसे सिर्फ बैंकिंग प्रक्र‍िया द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है। जिसमें शामिल हैं A/C Payee चेक या A/C Payee बैंक ड्राफ्ट फिर या इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरेंस सिस्टम।