Arthgyani
होम > न्यूज > चीनी उत्पादन

अक्टूबर-नवंबर में चीनी उत्पादन हुआ 18.85 लाख टन

कई राज्यों में अत्यधिक वर्षा के कारण कई राज्यों में गन्ने की पेराई में देरी

भारत में इस वर्ष कई राज्यों में अत्यधिक वर्षा के कारण गन्ने की पेराई देर से हुई है। इस वजह से चीनी का उत्पादन घटा है। वित्त वर्ष के 2019 के अक्ट्रबर-नवंबर में उत्पादन 18.85 लाख टन रहा, जबकि यह उत्पादन पिछले वर्ष 2018 के मुकाबले 54 प्रतिशत कम है। चीनी का विपणन साल के अक्टूबर से सितंबर तक होता है।

आंकड़ों के अनुसार उत्तर भारत के राज्यों में मिलन गेट पर पिछले कुछ माह से चीनी का भाव 3,250 रुपये से 3,300 रुपये प्रति क्विंटल पर है। वहीं पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों में भाव 3,100 से 3,250 रुपये प्रति क्विंटल पर है।

भारतीय चीनी मील संघ की रिपोर्ट 

भारतीय चीनी मील संघ ने बताया कि, चीनी सत्र 2019-20 के 30 नवंबर तक कुल उत्पादन 18.85 लाख टन जितना हुआ है। जो कि पिछले साल की समान अवधि में चीनी उत्पादन 40.69 लाख टन था। देश में महाराष्ट्र में चीनी मीलों में गन्ने की पेराई काफी देर से शुरु हुई इस वजह से चीनी उत्पादन घटा है।

एजेंसी की खबर के मुताबिक़, देश में इस वर्ष 30 नवंबर तक 279 चीनी मिलें परिचालन में थीं, जबकि पिछले वर्ष समान अवधि में 418 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई का काम हो रहा था। आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन अक्टूबर-नवंबर में 10.81 लाख टन हुआ जो कि पिछले साल की समान अवधि में 9.14 लाख टन था। वहीं महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन घटकर 67,000 टन पर आ गया। जबकि एक साल पहले समान अवधि में चीनी उपादन 18.89 लाख टन था। कर्नाटक में इस अवधि में उत्पादन 8.40 लाख टन से घटकर 5.21 लाख टन जितना हुआ।

चीनी का कुल निर्यात 15 लाख टन

चीनी मील संघ ने बताया की एक अक्टूबर को चीनी का पिछला बकाया स्टॉक 1.45 करोड़ टन से अधिक था। व्यापार एवं बाजार के सूत्रों ने बताया कि चीनी का कुल निर्यात 15 लाख टन किया गया। जिसमें चीनी निर्यात के बाजारों में ईरान, श्रीलंका, अफगानिस्तान और अफ्रीकी जैसे देश शामिल हैं। राज्य सरकारों द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार 30 नवंबर, 2019 तक विपणन वर्ष 2018-19 के लिए चीनी मिलों पर गन्ने का बकाया करीब 5,000 करोड़ रुपये था।