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आठ कंपनियों को NSE ने अपनी निगरानी में लिया

इसके लिए उन कंपनियों का चयन किया गया, जिनमें शेयर गिरवी रखने का स्तर काफी अधिक था।

अक्टूबर महीने में स्टॉक एक्सचेंज ने कंपनियों पर अतिरिक्त निगरानी रखने के फैसले का ऐलान किया था, जो 1 नवंबर से लागू किए गए थे। इसके लिए उन कंपनियों का चयन किया गया, जिनमें शेयर गिरवी रखने का स्तर काफी अधिक था।
इसके तहत मुख्य स्टॉक एक्सचेंज NSE ने आठ कंपनियों को निगरानी में लिया है। इन कंपनियों के प्रमोटरों द्वारा प्लेजिंग का स्तर काफी अधिक बताया जा रहा है, जिसके चलते इन पर यह कार्यवाही हुई है। इस सूची में फ्यूचर एंटरप्राइजेज, जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर, जिंदल स्टील एंड पावर, डिश टीवी इंडिया, गायत्री प्रोजेक्ट्स, मैक्स इंडिया, सद्भाव इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और सीक्वेंट साइंटिफिक भी शामिल हैं।

इकोनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार NSE ने इससे सम्बंधित सर्कुलर जारी किया जिसमें एक्सचेंज ने कहा कि इस क़दम को बाज़ार की तरफ से कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के रूप में न देखा जाए। यह पूरी तरह बाज़ार की निगरानी के आधार पर लिए गए क़दम हैं।

क्या हैं नियम

इसके तहत, एक्सचेंज न्यूनतम 35 फीसदी का मार्जिन वसूल करता है, जिसमें प्रमोटर हिस्सेदारी कंपनी की कुल इक्विटी कैपिटल के 25 फीसदी से अधिक गिरवी रखी होती है और जिसका बाज़ार पूंजीकरण 1,000 करोड़ रुपये से ऊपर होता है।

एक्सचेंज इन शेयरों का कम से कम 35 फीसदी मार्जिन वसूल करेगा, जिसमें डेरिवेटिव सेगमेंट के शेयर भी शामिल होंगे।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने बताया, “शेयर बाज़ार और प्रस्तावित मार्जिन दर 35 फीसदी या मौजूदा मार्जिन, दोनों में से जो भी अधिक हो वो रहेगी। यह 4 दिसंबर को ली जाने वाली सभी पोजिशन के आधार पर 5 दिसंबर को नई पोजिशन पर लागू होगी।”