आपके पास ज़रूर हों इमरजेंसी फंड – म्यूचुअल फंड है जरिया
फाइनेंशियल प्लानरों का सुझाव है इससे आपको आपात स्थितियों से निपटने में मदद मिलती है।

हर एक समझदार आदमी ये सलाह ज़रूर देता है कि आपात स्थिति के लिए कुछ पैसे ज़रूर बचा कर रखने चाहिए। यही बात फाइनेंशियल प्लानर भी मानते हैं कि हर एक निवेशक को इमरजेंसी फंड बनाना चाहिए। आपका इमरजेंसी फंड आपके 3-6 महीनों के मासिक खर्चों के लगभग बराबर हो सकता है और आप म्यूचुअल फंडों के जरिए भी इसे बना सकते हैं।
इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) के फायदे
कई बार जीवन में ऐसे मौके भी आते हैं जब पैसे की तुरंत जरूरत पड़ती है, जैसे कि अचानक जॉब छूट जाना, कोई स्वास्थ्य समस्या, कोई एक्सीडेंट या कार ख़राब हो जाना, अचानक किसी ऐसे मेहमान का आना जिसके आवभगत में आपको अच्छी खासी रकम ख़र्च करनी पड़े या घर परिवार में अचानक कोई बड़ा आयोजन करना पड़ जाये आदि कई बातें इनमें शामिल है। इन ज़रूरतों को पूरा करने के लिए किसी से कर्ज़ लेना पड़ता है। फाइनेंशियल प्लानरों का सुझाव है कि इमर्जेंसी फंड बनाने से इस तरह की स्थितियों से निपटने में मदद मिलती है।
आपके पास इमर्जेंसी फंड तैयार होने की स्थिति में आपको किसी के सामने हाथ फैलाने की ज़रूरत नहीं पड़ती है। साथ ही इमर्जेंसी फंड रहने से आपको अपनी इक्विटी म्यूचुअल फंड, शेयर या लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट प्रोडक्टों से छेड़छाड़ करने की ज़रूरत नहीं पड़ती है।
इमरजेंसी फंड कितना हो
इमर्जेंसी फंड का आकार आपकी लाइफस्टाइल, मासिक खर्च, इनकम और आश्रितों की संख्या पर निर्भर करता है। आपको कम से कम अपने तीन से छह महीनों के मासिक खर्च के बराबर की रकम इमरजेंसी फंड में रखना चाहिए। जानकारों के मुताबिक, इस फंड को डेट म्यूचुअल फंडों का इस्तेमाल कर बनाना चाहिए। निवेशकों को धीरे-धीरे इसे तैयार करना चाहिए।
कैसे बनायें इमरजेंसी फंड
इसके लिए आप सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) या एकमुश्त निवेश का रास्ता अपना सकते हैं। अचानक कहीं से मिले पैसे को भी इसके लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर आपके सेविंग अकाउंट में भी पैसे यूँ ही पड़े हैं और ज़्यादा हैं तो आप उस पैसे को भी ओवरनाइट लिक्विड फंडों या अल्ट्रा शॉर्ट-टर्म म्यूचुअल फंडों में निवेश कर सकते हैं। इस तरह के फंडों में लिक्विडिटी की टेंशन नहीं होती।