आर्थिक सर्वेक्षण-2020 विकास और रोजगार सृजन के मुख्य बिंदु
श्रम आधारित निर्यात को बढ़ावा देने के लिए चीन के समान अवसर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण के मुख बिंदु निम्नलिखित हैं|
- समीक्षा में कहा गया है कि भारत के पास श्रम आधारित निर्यात को बढ़ावा देने के लिए चीन के समान अभूतपूर्व अवसर हैं|
- दुनिया के लिए भारत में एसेम्बल इन इंडिया और मेक इन इंडिया योजना को एक साथ मिलाने से निर्यात बाजार में भारत की हिस्सेदारी 2025 तक 3.5 प्रतिशत तथा 2030 तक 6 प्रतिशत हो जाएगी।
- 2025 तक देश में अच्छे वेतन वाली 4 करोड़ नौकरियां होंगी और 2030 तक इनकी संख्या 8 करोड़ हो जाएगी।
- 2025 तक भारत को 5 हजार अरब वाली अर्थव्यवस्था बनाने के लिए जरूरी मूल्य संवर्धन में नेटवर्क उत्पादों का निर्यात एक तिहाई की वृद्धि करेगा।
- समीक्षा में सुझाव दिया गया है कि निम्नलिखित अवसरों का लाभ उठाने के लिए भारत को चीन जैसी रणनीति का पालन करना चाहिए।
- श्रम आधारित क्षेत्रों विशेषकर नेटवर्क उत्पादों के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विशेषज्ञता हासिल करना।
- नेटवर्क उत्पादों के बड़े स्तर पर एसेम्लिंग की गतिविधियों पर खासतौर से ध्यान केंद्रित करना।
- अमीर देशों के बाजार में निर्यात को बढ़ावा देना।
- निर्यात नीति सुविधाजनक होना।
आर्थिक समीक्षा में भारत की ओर से किए गए व्यापार समझौतों का कुल व्यापार संतुलन पर पड़ने वाले प्रभाव का विश्लेषण किया गया है।
- इसके अनुसार भारत की ओर निर्यात किए कुल उत्पादों में 10.9 प्रतिशत की जबकि विनिर्माण उत्पादों के निर्यात में 13.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
- कुल आयातित उत्पादों में 8.6 प्रतिशत तथा विनिर्माण उत्पादों के आयात में 12.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
- प्रति वर्ष भारत के विनिर्माण उत्पादों के व्यापार अधिशेष में 0.7 प्रतिशत तथा कुल उत्पादों के व्यापार अधिशेष में 2.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
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भारत में कारोबारी सुगमता लक्ष्य:
- विश्व बैंक के कारोबारी सुगमता रैंकिंग में भारत 2014 में जहां 142वें स्थान पर था वहीं 2019 में वह 63वें स्थान पर पहुंच गया।
- हालांकि इसके बावजूद भारत कारोबार शुरू करने की सुगमता संपत्ति के रजिस्ट्रेशन, करों का भुगतान और अनुबंधों को लागू करने के पैमाने पर अभी भी काफी पीछे हैं।
- समीक्षा में कई अध्ययनों को शामिल किया गया है:
- वस्तुओं के निर्यात में लॉजिस्टिक सेवाओं का प्रदर्शन निर्यात की तुलना में आयात के क्षेत्र में ज्यादा रहा।
- बेंगलूरू हवाई अड्डे से इलेक्ट्रॉनिक्स आयात और निर्यात ने यह बताया कि किस तरह भारतीय लॉजिस्टिक सेवाएं किस तरह विश्वस्तरीय बन चुकी है।
- देश के बंदरगाहों में जहाजों से माल ढुलाई का काम 2010-11 में जहां 4.67 दिन था वहीं 2018-19 में करीब आधा रहकर 2.48 हो गया|
कारोबारी सुगमता को और बेहतर बनाने के सुझाव
- कारोबारी सुगमता को बेहतर बनाने के लिए दिए गए सुझावों में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड, जहाजरानी मंत्रालय औरअन्य बंदरगाह प्राधिकरणों के बीच में करीबी सहयोग शामिल है।
- सुझाव में कहा गया है कि पर्यटन या विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में अवरोध खड़े करने वाली नियामक प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए ज्यादा लक्षित उपायों की जरूरत है।