Arthgyani
होम > न्यूज > इंडिया के GDP से ज्यादा हुई ऑनलाइन खरीददारी!

इंडिया के GDP से ज्यादा हुई ऑनलाइन खरीददारी!

ऑनलाइन खरीददार देशों के अंकटाड की सूची में भारत की रैंकिंग में हुआ सुधार

इंडिया में नित नए रोज नई-नई ई-कॉमर्स कंपनियां आ रही है और लोगों के हाथों में स्मार्ट फ़ोन की संख्या रोज बढ़ते जा रही है| इसी का प्रतिफल है की ऑनलाइन खरीदारी को बढ़ावा देने के लिहाज से अग्रणी देशों की सूची में भारत की स्थिति मजबूत हुई है| इसके लिए अर्थव्यवस्था की तैयारी से संबंधित सूचकांक में भारत ने छह स्थान की छलांग लगाई है| इसके साथ भारत व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (अंकटाड) के बिजनेस-टू-कंज्यूमर (B-to-C) ई-कॉमर्स सूचकांक 2019 में छह रैंक के सुधार के साथ 73वें स्थान पर पहुंच गया है| इससे पहले 2018 में भारत 80वें और 2017 में 83वें स्थान पर रहा था| इस सूचकांक को 152 देशों के प्रदर्शन के आधार पर तैयार की गई है|

टॉप 10 में आठ देश यूरोप से

अमर उजाला के एक रिपोर्ट के मुताबिक अंकटाड इस सूचकांक में टॉप 10 में से आठ पर यूरोपीय देशों का कब्जा है, जबकि यूरोप से बाहर के अन्य दो देश सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया हैं| इस सूचकांक में नीदरलैंड लगातार दूसरी बार शीर्ष पर रहने में कामयाब रहा| इसके स्विट्जरलैंड दूसरे, सिंगापुर तीसरे, फिनलैंड चौथे, ब्रिटेन पांचवें, डेनमार्क छठवें, नॉर्वे सातवें, आयरलैंड आठवें, जर्मनी नौंवे और ऑस्ट्रेलिया 10वें स्थान पर हैं| वहीं, भारत से बेहतर प्रदर्शन करने वाले देशों में ईरान 42वें, कजाखस्तान 57वें, अजरबैजान 62वें, वियतनाम 64वें और ट्यूनिशिया 70वें स्थान पर रहा|

3.9 ट्रिलियन डॉलर की हुई ऑनलाइन खरीदारी

अंकटाड रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में वैश्विक स्तर पर 3.9 ट्रिलियन डॉलर (करीब 279.1 लाख करोड़ रुपये) की ऑनलाइन खरीदारी की गई, जो 2016 में हुई ऑनलाइन खरीदारी के मुकाबले 22 फीसदी अधिक है| यह आंकड़ा भारत की GDP के मुकाबले करीब डेढ़ गुना अधिक है| भारत की अनुमानित जीडीपी 190.10 लाख करोड़ रुपये की है| रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2017 में भारत में कुल इंटरनेट यूजर्स के मुकाबले इंटरनेट के जरिए खरीदारी करने वालों की संख्या 11 फीसदी थी, वहीं अगर जनसंख्या से तुलना करें तो ऐसे खरीदारों की संख्या मात्र 3% रही थी|

सूचकांक इस आधार पर तैयार किया गया

इस सूचकांक में सुरक्षित इंटरनेट सर्वर, डाक सेवाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर की विश्वसनीयता, आबादी के मुकाबले इंटरनेट यूजर्स की संख्या और एक वित्तीय संस्थान या मोबाइल-मनी-सेवा प्रदाता के यहां खाते के आधार पर देशों को अंक दिए गए हैं| इसमें उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले 10 विकासशील देश एशिया के हैं| इस सूचकांक में कोमरोस, बुरुंडी, चाड और नाइजर सबसे नीचे हैं।

कम तैयार देशों को है मदद की आवश्यकता

सालाना सूचकांक बनाने वाली अंकटाड की इकाई की निदेशक शमिका सिरिमने का कहना है कि हमारे B-to-C सूचकांक से पता चलता है कि विकसित और विकासशील देशों के बीच डिजिटल अंतर कितना वास्तविक और चिंताजनक है| उदारहण के लिए आधा दर्जन यूरोपीय देशों में 80 फीसदी से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स ऑनलाइन खरीदारी करते हैं, लेकिन यह अनुपात सबसे कम और निम्न मध्यम-आय वाले देशों में 10 फीसदी से भी नीचे है| उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स के लिए कम तैयार देशों को अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार करने और अपने नागरिकों के बीच विश्वास पैदा करने में मदद की तत्काल आवश्यकता है| ऐसा नहीं होने पर वहां के कारोबार और नागरिक डिजिटल अर्थव्यवस्था से मिले अवसरों से चूक जाएंगे|

भारत का इस सूचकांक में रैंकिंग सुधर उल्लेखनीय है मगर भारत जैसे सस्ते इन्टरनेट उपलब्ध देश में मात्र 3% जनसंख्या द्वारा ऑनलाइन खरीददारी प्रश्न उठाता है की क्या अभी भी लोग नेट के द्वारा खरीददारी और लेनदेन में संकोच करते हैं| क्यों अभी भी उपभोक्ताओं के बीच वह विश्वास नहीं बन पाया है की लोग बेझिझक होकर ऑनलाइन खरीददारी कर सकें| इसके लिए एक पुख्ता सिस्टम बनाने की आवश्यकता है|