इनफ़ोसिस में भारतीय निवेशकों का रुझान क़ायम
मौजूदा बाज़ार इंफोसिस के प्रति उदार रुख अपनाये हुए है

इनफ़ोसिस ने निवेशकों को अपनी तरफ ख़ासा आकर्षित किया है। मौजूदा बाज़ार में म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने वाले हर बड़े फंड मैनेजर के पोर्टफोलियो में इंफोसिस के शेयर जरूर अपनी जगह बनाये हुए है।
विशेषज्ञों की राय में कंपनि के वैल्यूएशन से जुड़े हर पहलु विशेष है। इनफ़ोसिस के शेयर वित्त वर्ष 2021 के अनुमानित ईपीएस के 17 गुना पर ट्रेड हो रहा है और इसकी डिविडेंड यील्ड 3.2% है। मार्केट कैप के लिहाज से देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी TCS के शेयर वित्त वर्ष 2021 के अनुमानित ईपीएस के 23 गुना पर ट्रेड कर रहे हैं और डिविडेंड यील्ड सिर्फ 1.4% है।
कोटक सिक्योरिटीज के एनालिस्ट कवलजीत सलूजा ने कहा, ‘हालिया करेक्शन में इंफोसिस का शेयर अट्रैक्टिव वैल्यूएशन पर आ गया है। कंपनी के टर्नअराउंड के लिए की गयी कोशिशें कामयाब रही है। कंपनी के डिजिटल रेवेन्यू ग्रोथ में तेजी आई है साथ ही ईकोसिस्टम में कंपनी की पहचान बढ़ी है और बड़े सौदे भी हासिल हुए हैं।’
जब कर्मचारियों के व्हिसलब्लोअर ग्रुप की तरफ से इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ नीलांजन रॉय पर कारोबार के गलत तौर-तरीके अपनाने का आरोप लगे थे, कंपनी के शेयरों में 22 अक्टूबर को 16% की गिरावट आई थी। ज्यादातर ब्रोकरेज हाउस अपना पैसा इंफोसिस से निकालकर TCS में लगाने की सलाह देने लगे क्योंकि कंपनी पर लगे आरोप उसके शेयर प्राइस को प्रभावित कर सकते थे।
इडलवाइज के एनालिस्ट संदीप अग्रवाल कहते हैं, ‘आरोपों की प्रतिक्रिया में शेयरों के दाम में आई गिरावट के चलते इंफोसिस वित्त वर्ष 2020 के अनुमानित ईपीएस के 16.5 गुना के अट्रैक्टिव लेवल पर आ गया। इससे इंफोसिस जैसे ही ग्रोथ प्रोफाइल वाली TCS के मुकाबले उसका डिस्काउंट 19% से बढ़कर 35% हो गया। हमने अपने मॉडल पोर्टफोलियो में इंफोसिस का वेटेज 15% से बढ़ाकर 27% कर दिया है।’ सितंबर क्वॉर्टर में इंफोसिस का प्रॉफिट मार्जिन तिमाही आधार पर 120 बेसिस प्वाइंट बढ़ गया जबकि TCS का मार्जिन गिरकर नौ तिमाही के निचले लेवल पर आ गया। TCS रिटेल स्पेस में कमजोर परफॉर्मेंस के चलते एस्टीमेट मिस कर गई जबकि फाइनेंशियल सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग स्पेस में उम्मीद के मुताबिक सुस्ती बनी रही।
निवेशकों को कंपनी के रिजल्ट्स और कॉरपोरेट गवर्नेंस पर भरोसा बढ़ रहा है।