एम्प्लॉई पेंशन स्कीम में होंगे बदलाव
6 करोड़ कर्मचारी होंगे प्रभावित

एम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) के नियमों में जल्द ही बड़ा बदलाव हो सकता है.|ईपीएफओ पेंशन से जुड़ा एक नया प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है|इस नये प्रस्ताव के अनुसार पेंशन निकासी की वर्तमान उम्र सीमा 58 को बढ़ाकर 60 साल किया जा सकता है|हालाकि ये व्यवस्था वैकल्पिक होगी|ईपीएफओ के इस निर्णय से 6 करोड़ कर्मचारी होंगे प्रभावित|
बता दें कि अभी तक EPF सदस्य की पेंशन निकासी की उम्र में 58 वर्ष थी| अब ऐसे सदस्यों को 60 साल की उम्र में पेंशन निकालने की छूट होगी| हालांकि, यह व्यवस्था पूरी तरह से वैकल्पिक होगी|अगर ईपीएफ सदस्य चाहेगा तो ही उसे 60 साल में पेंशन मिलनी शुरू होगी यदि नहीं तो उम्र सीमा को 58 साल ही रख सकता है|
EPF एक्ट 1952 को भी बदलने की तैयारी:
EPFO, EPF एक्ट 1952 को भी बदलने की तैयारी में है| दुनियाभर में पेंशन फंड में पेंशन की उम्र 65 साल निर्धारित है. EPF एक्ट में बदलाव से भारत में भी पेंशन की उम्र सीमा को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है|2 साल का एक्सटेंशन इस दिशा में पहला कदम माना जा सकता है| ईपीएफओ का अनुमान है कि इस फैसले से पेंशन फंड में घाटा 30 हजार करोड़ रुपए तक कम होगा| ईपीएफओ साल 2015 में भी ये प्रस्ताव पेश कर चुका है|उस वक्त सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया था |EPFO को इस प्रस्ताव पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के अलावा श्रम मंत्रालय और वित्त मंत्रालय से भी मंजूरी लेनी होगी|
ये है पेंशन का वर्तमान नीयम:
पेंशन को लेकर EPFO का वर्तमान नियम के मुताबिक अलग-अलग जगह नौकरी करते हुए आपकी सर्विस हिस्ट्री 10 साल की हो जाती है और इस दौरान आप पेंशन को विथड्रॉ नहीं करते हैं तो आपकी पेंशन बंध जाती है| 58 साल की उम्र होने पर आपको मासिक पेंशन के तौर पर कुछ पैसे मिलने लगते हैं| ये पेंशन नौकरीपेशा लोगों की सैलरी से हर महीने एक निश्चित रकम प्रोविडेंट फंड की कटौती एवं एम्प्लॉयर के अंशदान से बनती है| एम्प्लॉयर के हिस्से से कटने वाली रकम का पहला हिस्सा PF और दूसरा हिस्सा पेंशन फंड (EPS) में जमा होता है|
इन मंत्रालयों से मंजूरी के बाद लागू होगा प्रस्ताव:
इस प्रस्ताव की स्वीकृति का निर्णय अगले महीने EPFO सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में होगा| इस बैठक में पेंशन उम्र को बढ़ाने पर विचार किया जाएगा| बोर्ड से मंजूरी के बाद प्रस्ताव को लेबर मिनिस्ट्री भेजा जाएगा|वहां से मंजूरी मिलने के बाद ये प्रस्ताव वित्त मंत्रालय भेजा जाएगा|वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा|