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एयरटेल-वोडा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की रिव्यू पीटिशन

आशंका है, सरकार चाहती है कि कंपनियां हर 6 महीने पर सर्विस चार्ज बढ़ाएं

भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने 24 अक्टूबर के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पीटिशन दायर किया है| 24 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि टेलीकॉम कंपनियां सरकार को 92,000 करोड़ रुपए देंगी| कुछ हफ्ते पहले जब सुप्रीम कोर्ट ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) पर अपना फैसला सुनाया तो टेलीकॉम इंडस्ट्री की मुश्किलें बढ़ गई| सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियां अगले तीन महीने में सरकार को AGR का बकाया पैसा लौटाए| यह रकम AGR के आधार पर लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज का बकाया है|

कंपनियां कर रही थीं सरकार से लगातार डिमांड  

इसके बाद टेलीकॉम कंपनियां लगातार सरकार से AGR को लेकर राहत की डिमांड कर रही थीं| साथ ही टेलीकॉम कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्य पीटिशन भी डालने वाली है| मनी कण्ट्रोल के एक रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में सरकार इस पीटिशन के नतीजों का इंतजार कर रही है| उम्मीद है कि इसके नतीजे देखने के बाद सरकार कंपनियों को AGR से राहत दे सकती है| इस मामले में ज्यादा जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि अगर टेलीकॉम कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से बकाया पेमेंट करने के लिए ज्यादा वक्त मिलता है तो सरकार डेफर्ड पेमेंट इंस्टॉलमेंट स्कीम लेकर आ सकती है|

1.47 लाख करोड़ रुपए का है बकाया

बुधवार को संसद में दूरसंचार विभाग ने बताया कि टेलीकॉम कंपनियों पर AGR से जुड़ा 1.47 लाख करोड़ रुपए का बकाया है| इसमें से 92,642 करोड़ रुपए लाइसेंस फीस और 55,054 करोड़ रुपए स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज (SUC) है| इस हिसाब से वोडाफोन आइडिया को 53,039 करोड़ रुपए और भारती एयरटेल को 35,586 करोड़ रुपए चुकाने होंगे|

फैसले के बाद दरों में हुई है वृद्धि 

फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सरकार यह भी चाहती है कि ऑपरेटर्स हर 6 महीने में टैरिफ (सर्विस की कीमम) बढ़ाए ताकि कंपनियों की कमाई हो सके| AGR पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और जियो के साथ बीएसएनएल ने भी सर्विस चार्ज बढ़ाने का फैसला किया|

इससे पहले टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI भी अगले दो साल के लिए 6 पैसा प्रति मिनट के हिसाब से चार्ज बढ़ा सकता है। इसकी शुरुआत जनवरी 2020 हो सकती है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि TRAI इसके लिए अलग से कंसल्टेशन पेपर लेकर नहीं आएगा। 

अभी हाल ही में सरकार ने स्पेक्ट्रम मामले में तो राहत दी है मगर AGR भुगतान मामले में किसी भी तरह की छूट देने से साफ़ मना कर दिया था| तब से ही टेलिकॉम कंपनियों में सुगबुगाहट थी और आज अंततः उन्होंने रिव्यू पीटिशन दायर किया है| अब सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय पर है|