रसोई गैस की कीमतों मे 13 प्रतिशत का उछाल
एलपीजी के दाम बढ़े

रसोई गैस की बात करें तो एलपीजी के दाम पिछले 6 महीनो मे 13 प्रतिशत तक बढ़े हैं मतलब 62 रूपये प्रति सिलेंडर दाम मे बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने इंधन की सब्सिडी मे कटौती की थी इसके बाद तेल कंपनियों ने कीमतों को प्रकाशित नहीं किया था जिसके चलते एलपीजी महंगाई पर ध्यान नहीं गया था
ससोई गैस मे कटौती कर के उस से होने वाली बचत को सरकार किसी और काम मे खर्च करेगी। वर्तमान वित्त वर्ष मे सरकार सरकारी खजाने के लक्ष्य को भी पूरा करने मे असमर्थ रहीं हैं। लेकिन सरकार के इस फैसले से आम आदमी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं है। वैसे भी पिछले 5 सालों मे महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी है।
अगस्त मे सरकारी तेल कंपनियों ने रसोई गैस के दाम 30 रूपये प्रति सिलेंडर बढाये थे। उसके बाद भी लगातार गैस की कीमतों मे बढ़ोतरी देखने को मिली है। 5 महीनो के अंतराल 32 रूपये की एक्स्ट्रा बढ़ोतरी हुई है। साल 2014 से लेकर साल 2019 तक एलपीजी के दाम मे 82 रुपए की बढ़त हुई है।
दो श्रेणियों में बांटा है सब्सिडी पाने वाले ग्राहकों को
सूत्रों के अनुसार, सब्सिडी पाने वाले ग्राहकों को सरकार ने दो श्रेणियों में बांटा है। एक श्रेणी में वे लोग हैं, जिन्होंने उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन लिया है। इन उपभोक्ताओं को दूसरी श्रेणी की तुलना में 20 रुपये अधिक सब्सिडी मिलती है। दिल्ली में 14.2 किलोग्राम के सिलिंडर का मार्केट रेट 714 रुपये है, जिसपर उज्ज्वला के लाभार्थियों को 179 रुपये और बाकियों को 158 रुपये की सब्सिडी दी जाती है। मसलन, उज्ज्वला ग्राहकों के लिए कंज्यूमर प्राइस 535 रुपये और अन्य के लिए 556 रुपये हुई।
रसोई गैस के कुल 27.6 करोड़ उपभोक्ता हैं। इनमें से करीब दो करोड़ उपभोक्ता ही सब्सिडी का लाभ ले पा रहे है। सब्सिडी पाने वाले ग्राहकों में से आठ करोड़, यानी लगभग एक-तिहाई उज्ज्वला योजना का लाभ पाने वाले उपभोक्ता हैं। तेल कंपनी के एक एग्जिक्यूटिव ने कहा, सब्सिडी की दो श्रेणियों बनाने से उन गरीब उपभोक्ताओं को नुकसान होगा जिन्होंने उज्ज्वला योजना शुरू होने से पहले गैस कनेक्शन खरीदा था।