ऑनलाइन कुछ मिनटों में बनेगा ई-पैन कार्ड
जानीये PAN/स्थायी खाता संख्या क्यों है आवश्यक?

डिजिटल भुगतान की ओर आगे बढने की दिशा में पैन कार्ड एक आवश्यक दस्तावेज है|आज बैंक खाता खुलावाने से लेकर बड़े भुगतानों तक हर कार्य के लिए पैन कार्ड की जरूरत होती है|प्रॉपर्टी से लेकर निवेश जैसे शेयर, बॉन्ड, म्युचुअल फंड या डिबेंचर खरीदने के लिए भी पैन कार्ड बेहद जरूरी है|रोजमर्रा की जिन्दगी में पैन कार्ड के दखल को देखते हुए सरकार पैन कार्ड बनाने के नियमों का सरलीकरण करने जा रही है|सरकार की नयी योजना के अनुसार अब सिर्फ कुछ मिनटों में बन जाएगा पैन कार्ड|
ऑनलाइन कुछ मिनटों में बनेगा ई-पैन कार्ड:
पैन कार्ड (PAN card) महत्वपूर्ण दस्तावेज है|जो कि फोटो पहचान के रूप में भी कार्य करता है|सरकार अब पैन कार्ड बनाना बिलकुल आसान करने जा रही है|सरकार की इस पहल के बाद पैन कार्ड बनवाने में अब 24 से 48 घंटे का समय नहीं लगेगा|अब आवेदन के कुछ मिनटों के भीतर ही पा सकेंगे पैन कार्ड|दरअसल मोदी सरकार की योजना के मुताबिक यदि आप आधार कार्ड नंबर के जरिये ऑनलाइन पैन कार्ड अप्लाई करते हैं तो आपको कुछ मिनटों में ई-पैन कार्ड मिल जाएगा|वर्तमान में पैन कार्ड बनवाने में 24 से 48 घंटे तक का समय लगता है|
जल्द लागू होगी योजना:
आधार कार्ड के जरिये पैन कार्ड बनवाने के पीछे आयकर विभाग कि मंशा है,पैन कार्ड सीधे तौर पर आधार से लिंक हो सकेगा|इस लिंकिंग के आधार पर करदाताओं की आसानी से पहचान भी हो सकेगी|आयकर विभाग को लगता है कि इस पहल से टैक्स करदाताओं की संख्या में भी इजाफा हो सकेगा|आधार कार्ड के जरिये बनने वाला ई पैन कार्ड बिल्कुल निशुल्क होगा|इससे सम्बंधित ऑनलाइन फॉर्म में आपको आधार नंबर के साथ अपने से जुड़ी सामान्य सूचनाएँ साझा करनी होंगी|ये योजना को जल्द ही लागू करना सरकार की वरीयता में है|इस सम्बन्ध में जानकारी आयकर विभाग कि वेबसाइट से भी ली जा सकती है|आयकर विभाग की वेबसाइट की लिंक https://www.incometaxindia.gov.in/hindi/Pages/pan.aspx है|
क्या है पैन कार्ड?
स्थायी खाता संख्या (पैन) एक दस अंकों की अंकारक्षीय संख्या है जो किसी “व्यक्ति”, जो इसके लिए आवेदन करता है अथवा जिसे विभाग बिना आवेदन के संख्या आवंटित करता हैं, को आयकर विभाग द्वारा लैमिनेटिड कार्ड के प्रारूप में जारी किया जाता है।pan संख्या आयकर विभाग को व्यक्ति द्वारा विभाग के साथ सभी लेनदेन से जुड़ने में सक्षम बनाता है। इस प्रकार के लेनदेन में कर भुगतान, स्त्रोत पर कर कटौती/स्रोत पर कर संग्रहण ऋण, आय/संपत्ति/उपहार/एफबीटी की विवरणी, निर्दिष्ट लेनदेन, पत्र व्यवहार तथा आदि शामिल हैं इसलिए कर विभाग के साथ “व्यक्ति” के लिए पहचानकर्ता के तौर पर कार्य करता है|
स्थायी खाता संख्या में प्रथम तीन अक्षर एएए से जेडजेडजेड की गतिमान श्रृंखला में हैं|स्थायी खाता संख्या का चतुर्थ अक्षर स्थायी खाता संख्या धारक की स्थिति को दर्शाता है। “पी” व्यक्ति के लिए, “एफ” फर्म के लिए, “सी” व्यक्ति के लिए, “एच” एचयूएफ के लिए, “ए” एओपी के लिए, “टी” ट्रस्ट के लिए संकेत है|पांचवां अक्षर पैन के प्रथम अक्षर को प्रदर्शित करता है|जबकि अगले चार अक्षर अनुक्रमिक संख्या में गतिमान होते हैं|
PAN/ स्थायी खाता संख्या क्यों आवश्यक है?
किसी आयकर प्राधिकारी के साथ सभी पत्र व्यवहार, आय की विवरणी पर स्थायी खाता संख्या को उद्धृत करना भी अनिवार्य है। 1 जनवरी 2005 से आयकर विभाग हेतु देय किसी भुगतान के लिए चालान पर पैन उद्धृत करना अनिवार्य है।
निम्नलिखित प्रमुख वित्तीय लेनदेनों से संबंधित सभी दस्तावेजों में पैन उद्धृत करना अनिवार्य है|उदाहरण के लिए
- पांच लाख रूपए अथवा अधिक की राशि की किसी अचल संपत्ति की बिक्री अथवा खरीद
- मोटर वाहन अथवा वाहन की बिक्री अथवा खरीद पर
- बैंकिंग कंपनी के साथ पचास हजार से अधिक की आवधिक जमा
- डाक घर बचत बैंक के साथ किसी खाते में पचास हजार से अधिक का जमा
- प्रतिभूति की बिक्री अथवा खरीद के लिए एक लाख से अधिक की राशि का एक अनुबंध
- बैंक खाता खोलना