कृषि निर्यात में बढ़ावा, ईसीए अधिनियम में संशोधन की गुजारिश
कृषि निर्यात में चालू वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही 10.61 फीसदी गिरावट

सरकार ने अपने कृषि क्षेत्र में कई योजनाओं और किसानों के हित से जुड़े कई नियम लागू किए हैं| जिनमें प्रधानमंत्री किसान योजना जैसी कई बड़ी योजनायें शामिल हैं|कृषि आयत-निर्यात को लेकर भी कई अधिनियमों पर संशोधन किए जा रहे हैं| चालू वर्ष में कृषि निर्यात में काफी गिरावट दर्ज हुई है|चालू वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही कृषि निर्यात में 10.61 फीसदी घटकर 28,910 करोड़ रुपये दर्ज हुई है|वहीं भारत ने पिछले वर्ष 2018 की सामान अवधि में 32,341 करोड़ रुपये की कृषि वस्तुओं का निर्यात हुआ था|
बता दें, एजेंसी की खबर के मुताबिक़ नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार किसानों के हितों की रक्षा और कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत नियमों पर समीक्षा करने का आह्वान किया है। किसानों के हित और अर्थव्यवस्था सुधार में निश्चित रूप से इन नियमों का निरीक्षण आवश्यक है| आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत वस्तुओं के उत्पादन, आपूर्ति और वितरण को विनियमित किया जाता है जिन्हें सरकार उचित मूल्य पर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराने के लिए ‘आवश्यक’ घोषित करती है। आवश्यक वस्तुओं में दवायें, उर्वरक, दालें और खाद्य तेल तथा पेट्रोलियम एवं पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं।आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए) में संशोधन की गुजारिश की गई है|जिसमें इन नियमों को केवल ‘अतिरेक’ के मामलों में लागू किया जाना चाहिए।
विदित हो, जैविक और प्राकृतिक खेती भारतीय कृषि क्षेत्र का उभरता हुआ क्षेत्र है। जिससे भारत की अर्थव्यवस्था सुधार में बढ़ावा मिलेगा|हालांकि काफी निर्यात में काफी वृद्धि हुई है और इसमें विकास की काफी संभावनाएं हैं। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा योग्यता के आधार पर जैविक और प्राकृतिक खेती का मूल्यांकन किया जा रहा है। हालांकि, निर्यात में गिरावट गैर-बासमती चावल और दालों में दर्ज हुई है, इनका निर्यात लगभग 50 फीसदी जितना घटा है| 2018-19 में गैर-बासमती चावल के 21 लाख टन निर्यात हुआ था, वहीं भारत देश से इस वर्ष करीब 12 लाख टन गैर बासमती चावल का निर्यात किया गया|