कोरोना वायरस क्या है? Coronavirus disease (COVID-19)
कोरोना वायरस मात्र कुछ महीनों के अंदर विस्तार करते हुए 122 देशों तक पहुंच चूका है

चीन के वुहान प्रान्त के मीट मार्केट से प्रारंभ हुआ कोरोना वायरस (Coronavirus) एक तेज़ी से फैलता वायरल जानलेवा महामारी है, जोकि इंसानों से इंसानों को, जानवरों से जानवरों को, जानवरों से इंसानों को, खांसने, छींकने, संपर्क में आने और सांसों से सांसों के द्वारा फैलता है|
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस को 11 मार्च 2020 को वैश्विक महामारी घोषित किया है| इस बीमारी के अन्य नाम COVID-19 भी है| कोरोना वायरस से विश्व में अब तक साढ़े चार हज़ार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें से हाल ही में भारत में भी एक वृद्ध व्यक्ति की मौत हुई है|
इस महामारी ने मात्र कुछ महीनों के अंदर विस्तार करते हुए 122 देशों तक अपनी पहुच बना चुकी है| इस जानलेवा बिमारी की सबसे ज्यादा डराने वाली बात यह है कि इससे बचाव के लिए अभी तक कोई दवा/वैक्सीन का आविष्कार नहीं हो पाया है| हालांकि कोरोना से मरने वालों की संख्या इससे संक्रमित लोगों के अनुपात में काफी कम है, मगर इसके लक्षण और विस्तार की रफ़्तार को देखते हुए WHO ने इसे वैश्विक महामारी घोषित किया है|
कोरोना वायरस का बिजनेस पर प्रभाव
कोरोना वायरस ka prabhav business par: कोरोना वायरस भले ही चीन के एक छोटे से प्रांत से प्रारंभ हुआ हो, मगर इसने पूरे विश्व के व्यापार को बहुत बुरे तरीके से प्रभावित किया है| आज कोरोना वायरस से डर से लगभग सभी देश अपने आप को पूरी दुनिया से अलग-थलग रखने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं, ताकि उनका देश इस बीमारी के प्रभाव विस्तार से खुद को बचा सकें| इन क़दमों का ऐसा दुष्प्रभाव पड़ा है कि आयात-निर्यात से लेकर टूरिज्म बिजनेस तक सभी व्यापारिक क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं|
कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव से कई देशों की अर्थव्यवस्था तो पूरी तरह से ठप्प पड़ गई हैं, या पड़ती जा रही हैं या पड़ने वाली है, अगर समाधान जल्द न निकला तो| इस तरह से यह महामारी न सिर्फ इंसानों को बीमार कर रहा है बल्कि इसने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को अपने चपेट में ले लिया है| कुछ आंकड़ों के मुताबित कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव से वैश्विक GDP में भारी कमी आने की संभावना बन रही है| ऐसे वैश्विक आर्थिक गतिविधियां देखते हुए ये आंकड़े बहुत छोटे लगते हैं|
कोरोना वायरस का शेयर मार्केट पर प्रभाव
कोरोना वायरस ka prabhav share market par: कोरोना वायरस का बाज़ार पर प्रभाव जानने के लिए हमें कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं है| कोरोना वायरस से डर कर चीन सहित पूरे विश्व के शेयर बाज़ार भयंकर रूप से गिर चुकें हैं| कोरोना वायरस का दुष्प्रभाव भारतीय शेयर बाज़ारों पर भी बहुत बुरा पड़ा है| 42 हज़ार से ज्यादा अंकों पर कारोबार करने वाला BSE सेंसेक्स गिरते-गिरते 35 हज़ार से नीचे तक आ चूका है| वैसा ही हाल NSE निफ्टी का भी है| निफ्टी जोकि कुछ दिन पूर्व तक 12 हज़ार से ऊपर कारोबार करता था आज वह गिरकर 10 हजार के नीचे आ चूका है|
कोरोना इफ़ेक्ट के बाद से शेयर बाज़ार में निवेशकों के लाखों करोड़ रूपए डूब चुकें हैं| कुछ दिन पूर्व तक मुकेश अंबानी न सिर्फ एशिया के सबसे अमीर शख्स होते थे, वे अपना स्थान गंवा चुके हैं| हालांकि इसके पीछे एक कारण रूस-सऊदी ट्रेड वार भी है, मगर कोरोना इफ्फेक्ट ने इस प्रक्रिया को और भी तेज़ कर दिया है|
कोरोना वायरस के डर से जो शेयर बाज़ार एक समय निवेशकों के लिए कमाई का जरिया होता था, आज वह ऐसी स्थिति में पहुंच चूका है जहां पर यह नहीं कहा जा सकता है कि अगली सुबह जब शेयर मार्केट में कारोबार प्रारंभ होगा तो नुकसान के साथ होगा या फायदे के साथ| बाज़ार विश्लेषक तो छोटे निवेशकों को फिलहाल शेयर बाज़ार में निवेश करने से बचने की सलाह तक दे चुके हैं|
कोरोना का ही इफ्फेक्ट है कि साल 2008 के बाद से पहली बार 13 मार्च 2020 को ऐसा हुआ कि शेयर बाज़ार को गिरने से रोकने के लिए सेबी को ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोकनी पड़ी|