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डिजिटल तकनीक का आईटी कंपनियों की ग्रोथ पर होगा कैसा असर

इंफ़ोसिस के कोर व्यवसाय की आमदनी मे बहुत कमी आई है।

डिजिटल तकनीक की वजह से इंफ़ोसिस के कोर व्यवसाय की आमदनी मे बहुत कमी आई है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में इंफ़ोसिस की आमदनी 5 प्रतिशत घटी है। ज्ञात हो कि ज्यादातर रेवेन्यू इंफ़ोसिस को आईटी सपोर्ट कॉन्ट्रेक्ट से मिलता है। उद्योगतंत्र  के जानकारों  के अनुसार दूसरी आईटी कंपनियों के व्यवसाय की इनकम पर भी असर पड़ रहा है , बढ़ती डिजिटल तकनीक के कारण व्यवसाय मे कमी आ रही हैं।

ग्राहकों के बीच भी डिजिटल टेक्नोलॉजी की मांग बढ़ रही है। आईटी के ग्राहकों को भी अब इस तकनीक की जरूरत है। आईटी कंपनी के बहुत से ग्राहकों ने अपनी पूंजी को दूसरी बड़ी कंपनियों के साथ मिल के निवेश किया है। इसके कारण भारत की आईटी को रेवेन्यू मे आई कमी को सुधारने मे सहायता मिल रही है।

आईटी कंपनियों की और घट सकती है आमदनी

आईटी एडवाइजरी फर्म एवरेस्ट रिसर्च के सीईओ पीटर सैमुअल ने ईटी से कहा पोर्टफोलियो कंसोलिडेशन अब खत्म होने वाला है इसकी वजह से बिज़नस मे और कमी आने की संभावना है बड़ी आईटी कंपनियों की आमदनी मे 15 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। सैमुअल ने ये भी कहा है कि डिजिटलाईजेसन से कंपनियों की ग्रोथ बढ़ने की भी उम्मीद कर सकते हैं। डिजिटल तकनीक से अगर ग्रोथ बढ़ती है तो कंपनियों के कोर व्यवसाय मे होने वाले नुकसान को पूरा करने मे आसानी होगी।

तीसरी तिमाही की हम बात करें तो 10.9 प्रतिशत बढ़कर 4,457 करोड़ रुपये का इंफ़ोसिस को शुद्ध मुनाफा रहा है। तीसरी तिमाही मे 2 प्रतिशत की बढ़त के साथ कुल आय 23,092 करोड़ रुपये रही। इंफ़ोसिस की डॉलर मे होने वाली आय मे भी 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी आई है जो  फ़िलहाल 324.3 करोड़ डॉलर हो गई है। 

तीसरी तिमाही के आंकड़े

  • इंफोसिस का शुद्ध मुनाफा 10.9 फीसदी बढ़कर 4,457 करोड़ रुपये रहा
  • कंपनी की रुपये में होने वाली आय दो फीसदी बढ़कर 23,092 करोड़ रुपये रही
  • डॉलर में होने वाली आय एक फीसदी बढ़कर 324.3 करोड़ डॉलर हो गई है
  • पिछली तिमाही में 321 करोड़ डॉलर रही थी
  • एबिडटा मार्जिन 21.7 फीसदी से बढ़कर 21.9 फीसदी रहा है