धोखाधड़ी के मामले में जिंदल कोटेक्स SEBI के निशाने पर
जिंदल कोटेक्स पर सेबी ने धोखाधड़ी के मामले में जुर्माना लगाया है।

सेबी ने धोखाधड़ी के मामले में जिंदल कोटेक्स पर जुर्माना लगाया है। ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट (जीडीआर) जारी करने में धोखाधड़ी को लेकर जिंदल कोटेक्स और उसके तीन अधिकारियों पर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 10.7 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। ज्ञात हो कि इनमे कंपनी प्रबंध निदेशक संदीप जिंदल, पूर्ण कालिक निदेशक राजिंदर जिंदल और चेयरमैन यश पॉल जिंदल शामिल हैं।
समाचार एजेंसी भाषा से मिली ख़बरों के अनुसार सेबी द्वारा जून 2010 से जुलाई 2010 के बीच की अवधि में जारी किए गए 50 लाख जीडीआर की जांच की गयी। जाँच में पाया गया कि इनका कुल मूल्य 3.88 करोड़ डॉलर था जो 10 रुपये अंकित मूल्य वाले 2,00,00,000 इक्विटी शेयर के बराबर थे. सेबी ने पाया कि इसमें से करीब 15.1 लाख जीडीआर सिर्फ एक इकाई विंटेज एफजेडई ने ही खरीदे थे।
मुख्य सन्दर्भ
- सेबी ने धोखाधड़ी के मामले में जिंदल कोटेक्स पर लगाया जुर्माना।
- कुल 10.7 करोड़ रुपये का जुर्माना तय किया गया।
- इस मामले में जिंदल कोटेक्स के तीन अधिकारी नामजद।
- प्रबंध निदेशक संदीप जिंदल, निदेशक राजिंदर जिंदल और चेयरमैन यश पॉल जिंदल शामिल।
- जून 2010 से जुलाई 2010 के बीच की अवधि में जारी किए गए 50 लाख जीडीआर की हुई जांच।
- करीब 15.1 लाख जीडीआर सिर्फ एक इकाई विंटेज एफजेडई ने खरीदे थे।
विदित हो कि विंटेज एफजेडई को अब अल्टा विस्टा इंटरनेशनल एफजेडई के नाम से जाना जाता है। विंटेज एफजेडई ने यूरोपियन अमेरिकन इंवेस्टमेंट बैंक (यूरम) से ऋण लेकर इन जीडीआर का भुगतान किया। सेबी ने पाया कि विंटेज को मिले ऋण की गारंटी जिंदल और यूरम बैंक के बीच एक वादा समझौते से दी गयी है और कंपनी ने इसे लेकर नियामक को गलत सूचनाएं भेजी। इन्ही धोखाधड़ी और ग़लत सूचनाएं प्रेषित करने को लेकर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने जिंदल कोटेक्स और उसके अधिकारियों पर यह संज्ञान लिया है।