पांच सरकारी कम्पनियों में हिस्सेदारी बेचेगी मोदी सरकार
स्ट्रेटेजिक सेल से 15,000 करोड़ रुपए जुटाएगी सरकार

पांच सरकारी कम्पनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है मोदी सरकार|सरकार के अधीन विनिवेश विभाग ने एसेट वैल्यूअर और एडवाइजर नियुक्त करने के लिए आवेदन मंगाए हैं।सरकार की योजना पेट्रोलियम मंत्रालय, शिपिंग मंत्रालय और रेल मंत्रालय की कंपनियों में विनिवेश की है।सरकार की योजना इस वित्त वर्ष में सरकारी कंपनियों की स्ट्रेटेजिक सेल से 15,000 करोड़ रुपए जुटाने की है|
बता दें कि नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NPCC), हॉस्पिटल सर्विसेज कंसल्टेंसी कॉरेपोरेशन (HSCC) और इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स (इंडिया) (EPI) कंसल्टेंसी कंपनियां, कोलकाता की ब्रिज एंड रूफ कंस्ट्रक्शन कंपनी और पवन हंस लिमिटेड हेलीकॉप्टर सर्विस ऑपरेटर के विनिवेश की तैयारी में है मोदी सरकार।जिनमे पवन हंस व ब्रिज एंड रूफ को छोड़कर बाकी की तीन कंपनियों में हिस्सेदारी की खरीद के लिए सरकार ने सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (CPSE) से बोलियां आमंत्रित की हैं।पवन हंस के लिए प्राइवेट एवं विदेशी कम्पनियों की बोलियाँ भी आमंत्रित की गयी हैं|
सरकार NPCC, HSCC व EPI में अपनी पूरी 98.99 फीसदी व 100-100 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। वहीं ब्रिज एंड रूफ में 99.35 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री की जाएगी। सरकार की योजना पवन हंस में अपनी पूरी 51 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की है। साथ ही इसके मैनेजमेंट कंट्रोल को भी ट्रान्सफर किया जाएगा। इसमें 49 फीसदी हिस्सेदारी ONGC की है। NPCC, HSCC और EPI के लिए बोलियां 8 नवंबर तक भेजी जा सकती हैं, जबकि ब्रिज एंड रूफ के लिए बोलियां भेजने की अंतिम अवधि 11 दिसंबर है। पवन हंस के लिए 8 दिसंबर तक बोलियां भेजी जा सकती हैं।
अन्य कम्पनियाँ भी हैं कतार में:
मंदी,इकोनमी में गिरावट के साथ ही जीएसटी जैसे टैक्स का कलेक्शन भी सरकार की उम्मीदों के मुताबिक नहीं होने के कारण मोदी सरकार को विनिवेश की प्रक्रिया को तेज कर रही है|मोदी सरकार 1 लाख करोड़ रुपए जुटाने के लिए तमाम कंपनियों में रणनीतिक हिस्सेदारी और जमीनों को बेचने जा रही है|विदित हो कि सरकार ने बजट में 1.05 लाख करोड़ रुपए विनिवेश से जुटाने का लक्ष्य तय किया था|विनिवेश के लिए 29 कंपनियों की सूची बनाई जा चुकी है|जिनमे से कुछ कंपनियों की जमीन के साथ बिल्डिंग भी बेची जाएगी|बिक्री के लिए प्रस्तुत कुछ प्रमुख कम्पनियां हैं|
- एयर इंडियाः कर्जे और भारी देनदारी की वजह से संकट में चल रही एयर इंडिया को बेचने के लिए भी उत्सुक है सरकार|
- स्कूटर्स इंडियाःलखनऊ स्थित ये कंपनी विक्रम ब्रैंड से थ्री-व्हीलर बनाती है|
- बीईएमएलःभारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाली कंपनी जो खनन और निर्माण आधारित उपकरण बनाती है|
- भारत पंप कंप्रेशर्सःइलाहाबाद की ये कंपनी तेल रिफाइनरीज, परमाणु ऊर्जा, सीमेंट घोल और केमिकल सप्लाई के लिए पंप और तेल खोज और सीएनजी आदि के लिए कंप्रेसर और गैस सिलेंडर बनाती है|
- सेलःदेश की सबसे बड़ी स्टील उत्पादक स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड की तीन इकाइयों- भद्रावती, सलेम और दुर्गापुर में रणनीतिक बिक्री प्रस्तावित है|
हिंदुस्तान न्यूजप्रिंटः भारी उद्योग मंत्रालय के अधीन ये कंपनी अखबारी कागज बनाती है|