Arthgyani
होम > टैक्स (कर) > पोस्ट ऑफिस: NSC खरीद पर बैंकों से ज्यादा व्याज, टैक्स में छूट

पोस्ट ऑफिस: NSC खरीद पर बैंकों से ज्यादा व्याज, टैक्स में छूट

जानें पोस्ट ऑफिस से NSC खरीदने के लाभों के बारे में

पोस्ट ऑफिस आज के समय में सिर्फ चिट्ठी भेजने के लिए ही इस्तेमाल नहीं होता बल्कि आज यह एक बहुउददेशीय कार्यस्थल बन कर उभरा है|तो हम जानते है पोस्ट ऑफिस के NSC जमा योजना और उनके लाभ के बारे में| 

NSC यानी नेशनल सेविंग ​सर्टिफिकेट क्या है?  

इस सर्टिफिकेट को देश की किसी भी पोस्ट ऑफिस ब्रांच से लिया जा सकता है| NSC का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल का होता है| इस वक्त इसपर 8 फीसदी सालाना दर से व्याज दिया जा रहा है| NSC स्मॉल सेविंग्स में आती है और सरकार हर 3 महीने पर स्मॉल सेविंग्स के लिए ब्याज दर रिवाइज करती है|

8 फीसदी की ब्याज दर के हिसाब से अगर आप 1 लाख रुपये की NSC खरीदते हैं तो आपका पैसा 9 सालों में डबल होगा वहीं अगर आप बैंकों में फिक्स डिपाजिट कराते हैं तो यहां आपका पैसा डबल होने में 10.5 साल तक का वक्त लगेंगे| कुछ प्राइवेट बैंक 1 लाख रुपये से कम के अमाउंट की FD के लिए अधिकतम ब्याज दर 7.50 फीसदी सालाना है| इस लिहाज से आपका पैसा डबल होने में 9.6 साल लगेंगे|

कैसे ले सकते हैं NSC ?

​एक सिंगल होल्डर टाइप सर्टिफिकेट कोई भी एडल्ट अपने नाम से या अपने बच्चे के नाम से खरीद सकता है| NSC में 100, 500, 1000, 5000, 10,000 या इससे ज्यादा के सर्टिफिकेट मिलते हैं| इसमें नि‍वेश करने की कोई सीमा नहीं है| आप अपनी क्षमता के मुताबिक कि‍तनी भी धनराशि का NSC खरीद सकते हैं|

पोस्ट ऑफिस से नेशनल सेविंग ​सर्टिफिकेट खरीदने के फायदें

  1. NSC में निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्‍स छूट मिलती है| हालांकि यह छूट 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर ही मिलती है| 
  2. NSC के इश्यू को किसी अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर किया जा सकता है| हालांकि ऐसा इसके मैच्योर होने से पहले केवल एक ही बार किया जा सकता है|
  3. सर्टिफिकेट ट्रांसफर करने पर पुराने सर्टिफिकेट्स और इसकी परचेज एप्लीकेशन पर पर ही पुराने होल्डर का नाम काटकर नए होल्डर का नाम लिख दिया जाता है| इस दौरान ऑथराइज्ड पोस्टमास्टर के सिग्नेचर, उसके पद के पोस्ट की स्टांप और पोस्ट ऑफिस की डेट स्टांप लगाई जाती है|

पोस्ट ऑफिस है पैसे की सेफ्टी की गारंटी

अगर कोई बैंक डिफॉल्‍ट कर जाता है या दिवालिया हो जाता है तो ऐसे में DICGC यानी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन बैंक में कस्टमर्स के सिर्फ 1 लाख रुपये की सुरक्षा की गारंटी देता है| यह नियम बैंक की सभी ब्रांच पर लागू होता है| इसमें मूलधन और ब्‍याज दोनों को शामिल किया जाता है| यानी अगर किसी बैंक में आपका कुल जमा 4 लाख है तो बैंक के डिफॉल्ट करने पर आपके सिर्फ 1 लाख रुपये ही सुरक्षित माने जाएंगे| बाकी के पैसे मिलने की गारंटी नहीं होगी| अगर एक से ज्यादा अकाउंट हैं तो सभी अकाउंट का बैलेंस जोड़कर केवल 1 लाख तक जमा को ही सुरक्षित माना जाएगा|हालांकि वर्तमान सरकार डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन बैंक एक्ट में संसोधन कर इस न्यूनतम भुगतान को बढ़ाने के प्रयास में हैं|

पोस्ट ऑफिस में पैसे कैसे हैं सुरक्षित

अगर पोस्टल डिपार्टमेंट रकम लौटाने में फेल हो तो पोस्ट ऑफिस के जमा पैसों पर सॉवरेन गारंटी होती है| यानी किसी परिस्थिति में अगर पोस्टल डिपार्टमेंट निवेशकों की रकम लौटाने में फेल हो जाए तो यहां सरकार आगे बढ़कर निवेशकों के पैसों की गारंटी लेती है| किसी स्थिति में आपका पैसा फंसने नहीं पाता है| पोस्ट ऑफिस स्कीम में जमा पैसों का इस्तेमाल सरकार अपने कार्यों के लिए करती है| इसी वजह से इन पैसों पर एक तरह से सरकार की गारंटी होती है|

  इस तरह से पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग ​सर्टिफिकेट खरीदने के फायदें ही फायदें हैं|