फिच ने भारत के रेटिंग को ‘BBB’ रखा बरक़रार
हालांकि फिच ने भारत के GDP अनुमान को 5% से घटाकर 4.6% कर दिया

मूडीज, RBI के बाद एक और रेटिंग एजेंसी फिच ने भी भारत के विकास दर अनुमान को 5% से घटा कर 4.6% कर दिया है, हालांकि अगले दो वित्त वर्षों के लिए फिच ने GDP अनुमान को 5.6% और 6.5% बरक़रार रखा है| रेटिंग एजेंसी फिच का मानना है कि इस समय कंपनियों और उपभोक्ताओं का आत्म विश्वास कम हो रहा है| मगर उसी समय एजेंसी ने देश की दीर्घकालिक वित्तीय साख को ‘BBB’ के स्तर पर बरकार रखी है और आगे के आर्थिक परिदृश्य को भी स्थिर बताया है|
विदेशी मुद्रा के मजबूत भंडार के कारण रेटिंग स्थिर
‘BBB’ श्रेणी वाले अन्य देशों से तुलना करें तो भारत की मध्यावधिक वृद्धि का परिदृश्य अब भी ज्यादा मजबूत है| इसका एक बड़ा कारण यह है कि सार्वजनिक ऋण का स्तर ऊंचा होने, वित्तीय क्षेत्र की कमजोरियों तथा राजकाज और प्रति व्यक्ति GDP समेत कुछ बुनियादी बातों में कमी के सूचकांकों व प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) समेत कुछ संरचनात्मक बातों में पीछे रहने के बाद भी विदेशी मुद्रा के मजबूत भंडार के कारण बाह्य जोखिमों से जूझने की भारत की क्षमता ज्यादा है|
हालांकि फिच ने इस साल के GDP अनुमान को घटाकर 5 से 4.6 प्रतिशत कर दिया है मगर आगे के वर्षों के बारे में फिच सकारात्मक है| फिच का अनुमान है कि 2020-21 में भारत के GDP की वृद्धि 5.6% और 2021-22 में 6.5% तक जा सकता है| रेटिंग एजेंसी की राय में मौद्रिक एवं राजकोषीय नीतियों में ढील तथा अवसंरचनात्मक उपायों से भविष्य में वृद्धि दर में क्रमिक सुधार होगा|
NBFC के पास कर्ज देने के धन की कमी
फिच ने अपने वक्तव्य में कहा, ‘कंपनियों और उपभोक्ताओं का आत्मविश्वास गिरने के अलावा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के पास कर्ज के लिए धन के संकट जैसे घरेलू कारकों के प्रभाव में पिछली कुछ तिमाहियों में वृद्धि दर काफी गिरावट आई है, लेकिन इसके बाद भी हमने देश की आर्थिक वृद्धि दर का परिदृश्य ठोस रखा है|’
भले ही फिच ने इस साल के लिए GDP अनुमान को घटा दिया है मगर सकारात्मक दृष्टी से देखें तो यहां एक बात अच्छी है कि फिच ने भविष्य के लिए भारत के विकास अनुमान को उच्च रखा है और जिस तरह से सरकार तैयारी कर रही है उससे अगर भारत फिच के अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए ज्यादा GDP दर हासिल कर लें तो आश्चर्य नहीं|