जानिये, 5 फेक्टर्स जो सभी देशों के आर्थिक विकास को प्रभावित करते हैं
देश की अर्थव्यवस्था का सीधा संबंध GNP से है

आर्थिक विकास की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि आर्थिक विकास सभी क्षेत्रों में कभी भी समान नहीं होता है। कई ऐसे फेक्टर्स हैं जो आर्थिक वृधि को प्रभावित करते हैं| अर्थव्यवस्था को समझने के लिए GNP को समझना आवश्यक है| देश की इकोनोमिक ग्रोथ का सीधा संबंध GNP से है|
इकोनोमिक ग्रोथ क्या है?
कोई भी देश हर नागरिक की सेवाओं और जरूरतों को सकारात्मक तरीके से पूरी करता है जिसे इकोनोमिक ग्रोथ (आर्थिक विकास) कहते हैं| परिभाषित अर्थ में समझें तो, देशों, औद्योगिक क्षेत्रों और व्यक्तिगत जरूरतों में समृद्धि की वृद्धि को आर्थिक विकास कहते हैं| रोटी, कपड़ा और मकान हर नागरिक की जरूरत है| लेकिन देश अर्थव्यवस्था का विकास भी जरुरी है, और देश का आर्थिक विकास तभी संभव है जब हर क्षेत्रों में जैसे कि, औद्योगिक क्षेत्रों, एग्रीकल्चर, कॉटन इंडस्ट्री, टेलीकम्युनिकेशन, चारकोल इंडस्ट्री इत्यादि क्षेत्रों समृद्धि के साथ निरंतर वृद्धि होना ही अर्थव्यवस्था है|
आर्थिक विकास की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि आर्थिक विकास सभी क्षेत्रों में कभी भी समान नहीं होता है। उदाहरण के तौर पर देखें तो, किसी देश के दूरसंचार क्षेत्र ने इकोनोमिक ग्रोथ में महत्वपूर्ण योगदान दिया है जबकि खनन क्षेत्र से अच्छा प्रदर्शन नहीं मिला। जहां तक देश की आर्थिक वृद्धि का सवाल है तो कभी किसी सेक्टर से अच्छा लाभ मिलता है तो वहीं कई सेक्टर्स में हानि भी देखने को मिलती है।
देश की अर्थव्यवस्था का सीधा संबंध GNP (ग्रोस नेशनल प्रोडक्ट) में कितने प्रतिशत वृद्धि है, इससे मापदंड निकला जाता है| अर्थव्यवस्था को समझने के लिए GNP (ग्रोस नेशनल प्रोडक्ट) क्या है वह समझना जरुरी है|
जानिए GNPऔर GDP क्या है, यह आर्थिक विकास के लिए कैसे कार्यरत है?
GNP (Gross National Product)
सभी देशों में एक निश्चित समय अवधि में या फिर वित्तीय वर्ष में देश के नागरिकों द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के अंतिम मौद्रिक मूल्य को “Gross National Product” “सकल राष्ट्रीय उत्पाद” या जीएनपी कहा जाता है| जीएनपी (GNP) में कोई भारतीय व्यक्ति विदेश में रहकर बिज़नस या जॉब करता है, वह अपनी राशि को भारत में भेजता है, और इस प्रॉफिट की जिनती जीएनपी (GNP) में की जाती है|
GDP (Gross Development Product)
GNP को समझने के लिए जीडीपी (GDP) को भी समझना बेहद जरूरी है, GDP (Gross Development Product) का मतलब “सकल घरेलू उत्पाद” इसमें किसी भी देश की सीमा के अंदर एक वर्ष में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के अंतिम मौद्रिक मूल्य को जीडीपी कहा जाता है| GDP में देश की कम्पनियां और विदेशी कंपनियों के लाभ को जोड़ा जाता है| और दोनों कंपनियों द्वारा उत्पादित वस्तुओं को शामिल किया जाता है| देश की कंपनियों से जो लाभ होता है उससे आर्थिक विकास की दर का मापदंड निकला जाता है| देश की अर्थव्यवस्था के आंकलन के लिए GDP और GNP सहायक है|
ये हैं 5 फेक्टर्स (कारक) जो देश के आर्थिक विकास को प्रभावित करते हैं:
किसी देश की आर्थिक वृद्धि कई फेक्टर्स (कारकों) के कारण प्रभावित हो सकती ती है, जैसे कि व्यापार घाटा और सरकारी निकायों द्वारा व्यय में परिवर्तन। सामान और सेवाओं की कीमतों में तेजी से वृद्धि होने पर र पर किसी भी देश की आर्थिक वृद्धि प्रभावित होती है।
- मानव संसाधन (Human Resource)
मानव संसाधन किसी भी देश के आर्थिक विकास को सीधे प्रभावित करता है| मानव संसाधन की गुणवत्ता शिक्षण और प्रशिक्षण पर निर्भर होती है| जब किसी देश का मानव संसाधन प्रशिक्षित और प्रतिष्ठित है तो उत्पादन भी उच्च गुणवत्ता का होगा। और वहीँ अगर प्रशिक्षण और क्षमताओं में कमी है तो उसका सीधा असर देश के आर्थिक विकास पर पड़ता है| इसलिए, किसी देश के मानव संसाधन में आवश्यक कौशल और क्षमताओं के अनुरूप पर्याप्त होना चाहिए, ताकि यह फेक्टर देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित ना कर सके।
2. प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources)
प्राकृतिक संसाधन सभी देशों की आर्थिक वृद्धि को काफी हद तक प्रभावित करते हैं। प्राकृतिक संसाधनों में ऐसे संसाधन हैं जैसे तेल, प्राकृतिक गैस, खनिज और धातु आदि के उत्पादन शामिल हैं। किसी भी देश के प्राकृतिक संसाधन जलवायु और पर्यावरणीय परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं। प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर देशों में आर्थिक विकास की दर में वृद्धि होती है।
लेकिन जिन देशों को निरंतर प्राकृतिक आपदाओं को सामना करना पड़ता है, वहाँ यह फैक्टर (कारक) अत्यधिक प्रभावित है| जिन देशों की जलवायु और पर्यावरणीय परिस्थितियाँ बदलती रहती है, जिसका सीधा असर उन देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है| काफी हानियाँ भी होती है आर्थिक विकास दर नीचे आ जाती है जिससे अर्थव्यवस्था बिगड़ने लगती है|
3. पूंजी निर्माण फैक्टर (Capital Formation)
पूंजी निर्माण के अंतर्गत मानव निर्मित उत्पादनों और संसाधनों का समावेश होता है| जैसे की घर, परिवहन, संचार माध्यम इत्यादि शामिल हैं| इन तत्वों से देश की अर्थव्यवस्था की बढ़त में फायदे के साथ नुकसान का भी भुगतान करना पड़ता है| यह फैक्टर (कारक) लम्बे समय तक प्रभावित करता है| इसके भाव में कमी और तेजी सीधे देशों के नागरिकों और व्यापारियों के आर्थिक विकास को प्रभावित करता है|
4. तकनीकी विकास फैक्टर (Technological Development)
तकनीकी विकास भी ऐसा फैक्टर (कारक) है जिसका उपयोग हर देशों में अलग अलग ढंग से होता है| और इसके द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है| लेकिन साधनों, तकनीकी उपकरणों, संसाधनों की कमी या उत्पादन की कमी देशों के अर्थव्यवस्था पर डायरेक्ट प्रभाव पड़ता है| इसके अंतर्गत प्रौद्योगिकी में वैज्ञानिक विधियों और उत्पादन तकनीकों का प्रयोग शामिल है| तकनीकी विकास सीमित मात्रा में संसाधनों के साथ उत्पादकता बढ़ाने में मदद करता है। जो देश तकनीकी विकास के क्षेत्र में, सर्वोपरि हैं, उन देशों की तुलना में जिनका तकनीकी विकास पर कम ध्यान है। उन पर यह फैक्टर बहोत असरकारक है| सही तकनीक का चयन अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
5. सामाजिक और राजनैतिक फैक्टर्स (Social and Political Factors)
सामाजिक और राजनैतिक फैक्टर्स (करक) सभी देशों की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सामाजिक कारकों में रीति-रिवाज, परंपराएँ, मूल्य और मान्यताएँ शामिल हैं, जो अर्थव्यवस्था के विकास में काफी हद तक योगदान करती हैं। इसके अलावा, राजनीतिक फैक्टर (कारक), जैसे कि विभिन्न नीतियों को बनाने और लागू करने में सरकार की हिस्सेदारी, आर्थिक विकास का अभिन्न अंग है|
सभी देशों की अर्थव्यवस्था को ये सभी फैक्टर्स प्रभावित करते हैं वहीँ वृद्धी दर को बढ़ावा देने में सहायक भी हैं|