बजट 2020 – एल्युमीनियम उद्योग का सीमा शुल्क कम करने का सुझाव

आगामी बजट में एल्युमीनियम उद्योग ने सरकार से सीमा शुल्क घटाए जाने की मांग रखी है। एल्युमीनियम उद्योग ने कहा कि एल्युमीनियम फ्लोराइड जैसी महत्वपूर्ण कच्ची सामग्रियों पर मूल सीमा शुल्क कम दी जाये क्यूंकि अधिक आयात शुल्क के कारण भारत में तैयार उत्पाद महंगे हो जाते हैं जिससे वैश्विक स्तर पर उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता को बुरा प्रभाव पड़ता है।
मुख्य बिंदु
- एल्युमीनियम उद्योग ने सरकार से सीमा शुल्क घटाए जाने की मांग रखी।
- प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ाने हेतू महत्वपूर्ण कच्ची सामग्रियों पर सीमा शुल्क की दरें कम की जाएं।
- कच्ची सामग्रियों पर मौजूदा सीमा शुल्क 7.5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत किया जाए।
- उद्योग ने कहा आयात शुल्क के कारण भारत में तैयार उत्पाद महंगे हो जाते हैं।
- एसोसिएशन ने एल्युमीनियम कबाड़ पर सीमा शुल्क बढ़ाने का भी सुझाव दिया है।
न्यूज़ एजेंसी से ली गयी ख़बरों के अनुसार एल्युमीनियम एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने अनुरोध करते हुए कहा कि भारतीय एल्युमीनियम उद्योग की लागत संरचना को बेहतर बनाने तथा प्रतिस्पर्धी क्षमता को बढ़ाने के लिये महत्वपूर्ण कच्ची सामग्रियों पर सीमा शुल्क की दरें कम की जाएं।’’
सरकार को दिये गये सुझाव में संगठन ने आगामी आम बजट को लेकर कहा है कि एल्युमीनियम फ्लोराइड, कॉस्टिक सोडा का खारा घोल और ग्रीन एनोड/प्री-बेक्ड कार्बन एनोड जैसी मुख्य कच्ची सामग्रियों पर मौजूदा सीमा शुल्क 7.5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत किया जाए।
कबाड़ पर सीमा शुल्क बढाया जाये
एल्युमीनियम एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने एल्युमीनियम कबाड़ पर सीमा शुल्क बढ़ाने का भी सुझाव दिया है। एसोसिएशन ने कहा कि घरेलू कबाड़ के प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करने तथा कबाड़ के आयात को कम करने के लिये बाह्य कबाड़ पर मौजूदा सीमा शुल्क 2.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिए जाने चाहिये, क्यूँकि प्राथमिक एल्युमीनियम उद्योग बाहरी कबाड़ के आयात के कारण दिक्कतों से जूझ रहा है। विदित हो कि वित्त वर्ष 2019-20 में कुल एल्युमीनियम आयात में बाहरी कबाड़ की करीब 58 प्रतिशत हिस्सेदारी रही है। इसके कारण 17,200 करोड़ रुपये के बराबर की विदेशी मुद्रा का नुकसान हुआ।