बैन नहीं, मात्र नए ग्राहकों को शामिल करने पर रोक लगी है -कार्वी
SEBI ने 22 नवंबर को एक अंतरिम आदेश जारी कर कहा कार्वी नये क्लाइंट न बनाए।

ब्रोकरेज कंपनी, कार्वी के अपने ग्राहकों की प्रतिभूतियां यानी सिक्योरिटीज खुद को ही ट्रांसफर कर लेने की ख़बर से, कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लगातार 22 नवंबर से सुर्खियों में हैं। दरअसल, बाज़ार नियामक SEBI ने 22 नवंबर को एक अंतरिम आदेश जारी कर कहा वह नये क्लाइंट न बनाए। सेबी ने कार्वी के खिलाफ जो आदेश दिया है उसमें कहा गया है कि कंपनी ने नियमों के कई उल्लंघन किए हैं।
देश में कहा गया है कि कार्वी ने क्लाइंट की प्रतिभूतियों को गिरवी रखकर पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए। सेबी के अनुसार, कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग ने अपनी ग्रुप कंपनी कार्वी रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड को 1,096 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे।
महत्वपूर्ण तथ्य
- सेबी ने कहा है कि कंपनी ने नियमों के कई उल्लंघन किए हैं।
- कार्वी ने अपने ग्राहकों की प्रतिभूतियां यानी सिक्योरिटीज खुद को ही ट्रांसफर कर ली थी।
- कार्वी ने अपनी ग्रुप कंपनी कार्वी रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड को 1,096 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे।
- कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के लगभग 2.44 लाख क्लाइंट इससे प्रभावित हुए हैं।
- सेबी ने NSDL और CDSL को भी कार्वी के निर्देशों का पालन करने से मना किया है।
- कार्वी ने कहा हमपे सिर्फ़ 21 दिनों के लिए नए ग्राहकों को शामिल करने पर रोक लगाई गई है।
कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग पर बैन लगने के बाद कई निवेशक इस ब्रोकरेज के दफ्तर पहुंचे। यहां ब्रोकरेज फर्म के मिलेनियम दफ्तर के बाहर परेशान निवेशकों की भीड़ जमा हो गई। ये अपने खातों की मौजूदा स्थिति के बारे में जानना चाहते थे। कई निवेशकों का कहना है “इनके पास मेरे शेयर पड़े हैं, मैं अपने शेयर बेचना चाहता हूं, मगर डिलीवरी से जुड़ी कुछ दिक्कतें आ रही हैं। ” निवेशक कार्वी से नाराज़ और हताश नज़र आ रहे है, वे अपना डीमैट खाता दूसरी ब्रोकरेज में ले जाना चाहते हैं वे अपनी मेहनत की कमाई को डूबोना नहीं चाहते।
ग्राहक लगातार अपने डिमैट खातों को शिफ्ट करने के विषय में सोच रहे हैं। 31 अक्टूबर तक कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के लगभग 2.44 लाख क्लाइंट इससे प्रभावित हैं। इकोनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार कार्वी के प्रवक्ता ने कहा कि उनपर कोई बैन नहीं लगा है। सिर्फ 21 दिनों के लिए नए ग्राहकों को शामिल करने पर रोक लगाई गई है।
22 नवंबर को बाजार नियामक सेबी ने एक अतिरिक्त अंतरिम आदेश के तहत कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग पर नए ग्राहकों जोड़ने के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। सेबी ने दोनों डिपोजिटरीज, NSDL और CDSL को भी कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के निर्देशों का पालन करने से मना किया है।