Arthgyani
होम > न्यूज > भारतीय स्टेट बैंक

धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं से भारतीय स्टेट बैंक परेशान

SBI से धोखाधड़ी की घटनाएं पिछले साल की तुलना में तीन गुना बढ़ी हैं।

धोखाधड़ी के मामले दिनों दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। खासकर बैकिंग और डिजिटल मामलों में ये ज़्यादा तेज़ी से बढ़ा है। भारतीय स्टेट बैंक कार्ड के आईपीओ के लिए दायर किये गए दस्तावेज से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि देश के सबसे बड़े बैंक SBI से धोखाधड़ी की घटनाएं पिछले साल की तुलना में तीन गुना बढ़ी हैं।

इस साल के पहले सात महीने में बड़े कॉर्पोरेट फ्रॉड की गिनती में अप्रैल से नवंबर के बीच SBI से 26,757 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी शामिल है। वित्त वर्ष 2018-19 में स्टेट बैंक के साथ 10,725 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई । उससे पहले वित्त वर्ष 2017 -2018 साल यह रकम सिर्फ 146 करोड़ रुपये दर्ज़ हुई थी। जिन बैंकों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, उनमें भारतीय स्टेट बैंक और इलाहाबाद बैंक प्रमुख हैं। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस बात की जानकारी राज्य सभा में दी थी। उन्होंने ये भी बताया कि वित्त वर्ष की पहली तिमाही में केवल स्टेट बैंक ने ही धोखाधड़ी के 1197 केस दर्ज कराए हैं। इस वजह से बैंक को करीब 12,012.79 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।

धोखाधड़ी के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं

  • SBI से धोखाधड़ी की घटनाएं पिछले साल की तुलना में तीन गुना बढ़ी हैं।
  • वित्त वर्ष की पहली तिमाही में SBI से 26,757 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी।
  • वित्त वर्ष 2018-19 में 10,725 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी दर्ज़।
  • वित्त वर्ष 2017 -18 में SBI से 146 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी।
  • पहली तिमाही में स्टेट बैंक ने ही धोखाधड़ी के 1197 केस दर्ज कराए।
  • फ्रॉड के मामले में दूसरे स्थान पर इलाहाबाद बैंक रहा, जिसमें 381 केस दर्ज हुए हैं।
  • तीसरे स्थान पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया रहा, जिसमें 194 केस दर्ज हैं।
  • RBI ने कहा है NPA में 50 करोड़ रुपये से अधिक के मामले की जांच फ्रॉड के एंगल से की जानी चाहिए।

इकोनॉमिक्स टाइम्स के अनुसार भारत के बैंकिंग नियामक रिजर्व बैंक ने कर्ज बांटने वाले संस्थानों को फ्रॉड की त्वरित सूचना देने के लिए कहा है। इसके साथ ही RBI ने कहा है कि अगर उनके ग़ैर निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA – Non Performing Assets) में कोई 50 करोड़ रुपये से अधिक का मामला आता है तो उसकी जांच फ्रॉड के एंगल से की जानी चाहिए।
देश के सबसे बड़े बैंक के आंकड़ों में अब 100 करोड़ रुपये से बड़ी धोखाधड़ी का अलग हिसाब लगाया गया है और चालू वित्त वर्ष में इस तरह की धोखाधड़ी के 48 मामले दर्ज किये गए हैं। पिछले साल इनकी संख्या 25 और उससे पिछले साल सिर्फ आठ थी।

इस मामले में सरकारी बैंकों में दूसरे स्थान पर इलाहाबाद बैंक रहा, जिसमें 381 केस दर्ज हुए हैं। इलाहाबाद बैंक को इससे 2855.46 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। तीसरे स्थान पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया रहा, जिसमें 194 केस दर्ज किए और बैंक को इससे 1982.27 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।