भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में चीन की दिलचस्पी
निवेश के साथ ही साथ चीन के निवेशक अन्य सेवाएं भी देने को इच्छुक हैं।

भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में चीन की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है। भारतीय कंपनियों में निवेश के साथ ही साथ चीन के निवेशक अन्य सेवाएं भी देने को इच्छुक हैं। चीन के निवेशक जिन भारतीय कंपनियों में निवेश कर रहे हैं उनके लिए अलग-अलग मार्केट की कारोबारी रणनीति बनाने में भी मदद कर रहे हैं साथ ही मैन्यूफैक्चरिंग, डिजाईन, सप्लाय चेन एक्सपर्ट से मिलवाने में भी योगदान दे रहे हैं।
शुरू शुरू में वे इस देश में कारोबार को समझने के लिए आये थे और साल 2016 में उभरते बाजारों को समझना शुरू किया था। उनका मकसद निवेश करना नहीं था। मगर अब उनका आत्मविश्वास बढ़ा है और अब उन्हें भारत के स्टार्टअप कम्पनियों में निवेश करने में कोई दिक़्क़त नहीं है। वर्तमान में भारतीय स्टार्टअप कंपनियों के लिए चीन के निवेशकों का पहले के मुकाबले साथ मिलकर चलने की मंशा ज़्यादा परिलक्षित हो रही है।
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार BAce कैपिटल के एमडी बेनी चेन ने कहा, “हम अपने पोर्टफोलियो में शामिल कंपनियों को कैपिटल मुहैया कराने के बाद भी उनकी मदद कर कारोबार बढ़ाना चाहते हैं। हम उनके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। उन्हें हम सिर्फ चीन ही नहीं, दुनिया के अन्य भागों के साथ भी जोड़ना चाहते हैं। हम अपनी कंपनियों को भी कारोबार करने के लिए यहां लाना चाहते हैं। अपने पोर्टफोलियो में शामिल कंपनियों को हम अनौपचारिक रूप से रोड शो में ले जाकर उनके कामकाज से जुड़े पहलुओं और समस्या को भी समझना चाहते हैं। ”
चीन का भारतीय कम्पनियों में रुझान
- भारत के रैपिडो, हीलोफाई और रूम मी में BAce ने निवेश किया है।
- BAce भारत में आठ करोड़ डॉलर का निवेश करना चाहती है।
- भारत के पेटीएम, स्नैपडील और जोमैटो जैसी कंपनियों में अलीबाबा का भारी निवेश है।
- निवेश के साथ ही उन्होंने कई अन्य डील भी किये हैं।
- मैन्यूफैक्चरिंग, डिजाईन, सप्लाय चेन एक्सपर्ट से मिलवाने में भी योगदान दे रहे हैं।
भारत के रैपिडो, हीलोफाई और रूम मी में BAce ने निवेश किया है। ज्ञातव्य हो की BAce का ध्येय स्टार्टअप कंपनियों और विकासशील कम्पनियों में निवेश का है और इनदिनों उसका फोकस भारत और दक्षिण पूर्व एशिया पे बना हुआ है। BAce भारत में आठ करोड़ डॉलर का निवेश करना चाहती है। जब से अलीबाबा जैसे निवेशकों ने भारत में निवेश घटाया है, वेंचर कैपिटल फर्म की दिलचस्पी भारतीय कंपनियों में बढ़ी है।
भारत के पेटीएम, स्नैपडील और जोमैटो जैसी कंपनियों में अलीबाबा का भारी निवेश है। चीन की BAce ने पिछले चार साल में भारत में निवेश करने में काफी दिलचस्पी दिखाई है। साथ ही कई अन्य डील भी उन्होंने किये हैं।