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मत्स्यपालन के क्षेत्र में सरकार करेगी 40,000 करोड़ का निवेश

निवेश के साथ मछुआरों के लिए उपलब्ध है किसान क्रेडिट कार्ड

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है। देश में मछली उत्पादन वर्तमान में लगभग 13 मिलियन टन है। भारत देश में करीब 2 करोड़ मछुआरे हैं| इसे और बढ़ावा देने के लिए सरकार मछुआरों की सहायता के लिए मत्स्य पालन के क्षेत्र में भी कई योजनाएं ला रही है| मत्स्य पालन के क्षेत्र में फिश हार्वेस्टिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर कार्य कर रही है|

हालहि में आयोजित विश्व मत्स्य दिवस कार्यक्रम के दौरान मत्स्य मंत्री गिरिराज सिंह बताया कि, सरकार आने वाले पांच सालों में मत्स्य पालन के क्षेत्रों में करीब 40,000 करोड़ रूपये निवेश करेगी|इस तरह मछुआरों की आय अगले पांच साल में पांच गुना तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है और इसलिए मत्स्य एवं पशुपालन क्षेत्र पर ध्यान देने के लिए मंत्रालय भी बनाया गया है।

40,000 करोड़ निवेश का विभाजन 

सरकार ने इस राशि को कई क्षेत्रों विभाजित करने का निर्णय लिया है| जिसमें 10,000 करोड़ रुपये मत्स्य संपदा के लिए है| विश्व बैंक के लिए 12,800 करोड़ रुपये और 7,500 करोड़ रुपये इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए विभाजित किए गए हैं| इसके साथ ही और भी दूसरे विभागों में निवेश किया जायेगा| सरकार की और से लगभग 3,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की मंजूरी मिल चुकी है|

फ़िलहाल फिश पोस्ट हार्वेस्टिंग में 20 से 25 फीसदी का नुकसान होता है, इस विभाग में देख रेख सही ढंग से की जा सके इसलिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की संभावनाएं हैं| हालांकि मत्स्य पालन के निर्यात क्षेत्र में वृद्धी दर्ज हुई है| इसे और भी बढ़ावा देने के लिए कदम उठाये जायेंगे|

मछुआरों के लिए ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ (केसीसी) 

सरकार ने 2018-19 के बजट में किसान क्रेडिट कार्ड पशुपालकों और मछुआरों  को भी मुहैया कराने का निर्णय लिया था|ताकि उनकी कार्यशील पूंजी जरूरतों को पूरा किया जा सके। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण जारी है| जिसमें देशभर में अब तक 8,400 मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) मिला है| इस वितरण में तेजी लाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है|

राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड को उत्तर भारत में मछली पालन को बढ़ावा दे रही है| दक्षिण भारत में बोर्ड ने पर्याप्त काम किया है जिसकी वजह से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मत्स्य पालन के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।