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मारुती लगाएगी देश की पहली कार क्रसर यूनिट

साल 2021 तक पूरी तरह से बन कर होगी तैयार

मारुति सुजुकी नोएडा में देश की पहली क्रसर इकाई लगाएगी|यहां पुराने वाहनों के कबाड़ को तोड़ा और रिसाइकल किया जाएगा| इसकी संभावना है की यह इकाई साल 2021 तक काम करना शुरू कर देगी| सफलता मिलने पर भविष्य में इस कारोबार का देशभर में विस्तार किया जाएगा| कंपनी ने इसके लिए जापान के टोयोटा तूशो (Toyota Tsusho) समूह के साथ समझौता किया है| संयुक्त उद्यम स्थापित करने का एलान बुधवार 6 नवम्बर 2019 को किया गया| नोएडा इकाई में शुरू में हर महीने करीब 2,000 वाहनों के कबाड़ को तोड़ने की क्षमता होगी| कंपनी वाहनों का कबाड़ डीलर अथवा सीधे ग्राहकों से खरीदेगी|

नए उद्यम में मारुति-टोयोटा तूशो की होगी 50-50 हिस्सेदारी

संयुक्त उद्यम मारुति सुजुकी टोयोट्सू इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एमएसटीआई) में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) 50 फीसदी हिस्सेदारी होगी| शेष हिस्सेदारी टोयोटा तूशो समूह की कंपनियों टोयोटा तूशो कॉरपोरेशन (टीटीसी) और टोयोटा तूशो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (टीटीआईपीएल) के पास होगी|

घटेगा प्रदूषण, सड़कें होंगी सुरक्षित

मारुति सुजुकी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी केनिची आयुकावा ने कहा कि इस संयुक्त उद्यम के जरिए हम रिसाइक्लिंग को बढ़ावा देंगे और संसाधन के समुचित उपयोग व संरक्षण में मदद करेंगे| इस काम में हम पर्यावरण अनुकूल तकनीक का इस्तेमाल करेंगे| इससे प्रदूषण भी घटेगा और सड़कें भी सुरक्षित बनेगी| वाहनों के कबाड़ को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप और अंतरराष्ट्रीय टेक्नोलॉजी से तोड़ा जाएगा|

देशभर में होगा विस्तार

टोयोटा तूशा कॉरपोरेशन के धातु विभाग के सीईओ नाओजी साइतो ने कहा कि टोयोटा तूशो ने जापान में 1970 में ईएलवी की रिसाइक्लिंग शुरू की थी| हमें विश्वास है कि संयुक्त उद्यम के माध्यम से अपने अनुभव का लाभ भारतीय समुदाय तक पहुंचाने में सक्षम होंगे| भारत में वाहनों को तोड़ने और रिसाइकल करने की यह पहली संपूर्ण इकाई है| मारुति सुजुकी के साथ हम इसका देशभर में विस्तार करना चाहते हैं|

गौरतलब है की भारत के विकास के साथ वाहनों की संख्या भी बेतहाशा बढ़ी है और यह परिवहन और पर्यावरण के लिए मुश्किलें बढ़ाती जा रही है|उम्मीद है की पुरानी बेकार हो चुकी गाड़ियों के निबटारे में यह नई परियोजना कारगर होगी|