म्यूचुअल फंड योजनाओं के बढ़ने से निवेश करोड़ों के पार
नवंबर माह में म्यूचुअल फंड का निवेश पूंजी 27 लाख करोड़ रुपये के पार

म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए कई योजनायें बनी हैं, इन योजनाओं से निवेश की पूंजी में बढ़त दर्ज हो रही है। बैंकों और सार्वजनिक बांड वाली योजनाओं में निवेश में बढ़त हुई है। वित्त वर्ष 2019 के नवंबर महीने के अंत में म्यूचुअल फंड में पूंजी निवेश 27 लाख करोड़ रूपये से रिकॉर्ड पार किया है। हांलाकि वित्त वर्ष के अक्टूबर महीने के अंत में म्यूचुअल फंड कंपनियों की कुल पूंजी निवेश 26.33 लाख करोड़ रुपये था।
AMFI के आंकड़ों के अनुसार
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार नवंबर महीने में MF के पूंजी निवेश में 3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। फिलहाल उद्योगजगत में कार्यरत 44 कंपनियों की प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति नवंबर अंत में 27.04 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गयी जो कि अक्टूबर अंत में 26.33 लाख करोड़ रुपये थी। इस तरह से नवंबर महीने में कंपनियों के म्यूचुअल फंड में 3 प्रतिशत की बढ़त हुई है।
एजेंसी की खबर के मुताबिक, एएमएफआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एन एस वेंकटेश ने बताया कि, ‘‘नवंबर में इक्विटी निवेश में शुद्ध रूप से घटा है। इसका कारण निवेशकों की मुनाफावसूली है। म्यूचुअल फंड उद्योग की प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति रिकार्ड 27 लाख करोड़ रुपये पहुंच गयी।’’
MF की संपत्ति आधार बढ़ने का मुख्य कारण
कोष प्रबंधनों के अनुसार संपत्ति आधार बढ़ने का मुख्य कारण बांड से जुड़ी निश्चित आय वाली योजनायें, जिनमें करीब 51,000 करोड़ रूपये जितना निवेश हो रहा है। ऋण प्रतिभूतियों वाली योजनाओं में एक दिन की परिपक्वता अवधि वाली प्रतिभूतियों में सर्वाधिक 20,650 करोड़ रुपये मूल्य का निवेश हुआ। जबकि पिछले महीने म्यूचुअल फंड कंपनियों का कुल पूंजी प्रवाह 54,419 करोड़ रुपये रहा जो कि अक्टूबर में 1.33 लाख करोड़ रुपये था।
इक्विटी योजनाओं में शुद्ध निवेश 6,015 करोड़ रुपये
इक्विटी योजना में शुद्ध निवेश पूंजी 933 करोड़ रुपये रही, जिसका अक्टूबर महीने में इक्विटी योजनाओं का शुद्ध प्रवाह 6,015 करोड़ रुपये रहा। इस तरह इक्विटी योजना में 1,312 करोड़ रुपये की कुल पूंजी डाली गयी, जबकि निश्चित अवधि वाली इक्विटी योजनाओं में 379 करोड़ रुपये की पूंजी निकासी भी हुई।
इसके अलावा बैंक तथा पीएसयू फंड में 7,230 करोड़ रुपये जबकि लिक्विड फंड में 6,938 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ। इसके साथ ही अल्प अवधि के लिसे ट्रेजरी बिल, जमा प्रमाणपत्र तथा वाणिज्यिक पत्र में निवेश किये गये।