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यस बैंक के बुरे दिन हुए ख़त्म, शेयर 58.20 रुयये पर पहुंचा

गुरुवार को 58.20 रुयये के स्तर तक पहुंचे यस बैंक ने निवेशकों का पैसा दोगुना कर दिया

प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक के बुरे दिन ख़त्म हुए। यस बैंक के शेयर कुछ ही दिन पहले अपने एक दशक के निचले स्तरों तक फिसल गए थे। 1 अक्टूबर को यस बैंक का शेयर 29.05 रुपये के न्यूनतम स्तर तक फिसल गया था। मगर, गुरुवार को यह शेयर 58.20 रुयये के स्तर तक पहुंच गया।
बुरे दौर से उबरते हुए इस बैंक ने निवेशकों का पैसा दोगुना कर दिया है। यह बैंक लगातार पैसा जुटाने की कवायद में लगा है। विश्लेषकों का मानना है कि इस शेयर का भविषय इस बात पर निर्भर करता है कि बैंक कब और कितना पैसा जुटा पाता है।
मार्च तिमाही में यस बैंक को भारी घाटा हुआ था। बैंक ने डूबे कर्ज़ के एवज़ में मोटे प्रावधान तैयार किए थे। रवणीत गिल ने सीईओ बनने के बाद कुछ ख़ास कदम उठाते हुए इस बैंक द्वारा एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी और जेट एयरवेज को दिए कर्ज़ की सफाई शुरू की।

शेयरखान के सीन‍ियर वाइस प्रेसीडेंट गौरव दुआ ने कहा, “इस शेयर में बिकवाली का दबाव कम हो गया है। इस बैंक का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि यह वाजिब क़ीमत पर कितनी नई इक्विटी कैपिटल जुटा पाता है। इसी से बैंक का विकास होगा।”
3 अक्टूबर को यस बैंक के सीईओ रवणीत गिल ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि बैंक जल्द ही $1.2 अरब की पूंजी जुटा लेगा। गिल ने निजी इक्विटी निवेशकों, तकनीकी कंपनियों और अन्य निवेशकों को जोड़ने की बात की थी।

प्रभुदास लीलाधर के पीएमएस सीईओ अजय बोड़के ने कहा, “मध्यमावधि में इस शेयर की दिशा इस बात पर निर्भर करेगी की बैंक प्रबंधन पर्याप्त पूंजी जुटा पाने में कितना सफल होता है। बैंक लगातार डूबे कर्ज का प्रावधान बढ़ा रहा है, जिससे कॉर्पोरेट बुक पर दबाव बढ़ रहा है।” बोड़के के अनुसार, बैंक प्रबंधन की ओर से पूंजी जुटाने में विलंब से भी दबाव बढ़ेगा।

ग़ौरतलब है कि इससे पहले वित्त वर्ष 2008 से 2018 तक यस बैंक का मुनाफा 35 फीसदी की वार्षिक दर से बढ़ा था। जून तिमाही में यस बैंक का नेट प्रॉफिट 91 फीसदी घटकर 113.80 करोड़ रुपये रह गया था। इस बैंक में रिटेल निवेशक लगातार दिलचस्पी दिखा रहे हैं। संस्थागत निवेशक निकासी को ही सही कदम मान रहे हैं।