यूटीआई ला रही है आईपीओ
यूटीआई म्यूचुअल फंड कंपनी आईपीओ के माध्यम से हिस्सेदारी बेचेगी

देश का सबसे पुराना फंड हाउस यूटीआई असेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) आगामी मार्च से अप्रैल के बीच प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की तैयारी में है।ये आईपीओ 2,500 करोड़ रुपये से लेकर 3,000 करोड़ रुपये तक का हो सकता है। यूटीआई म्यूचुअल फंड कंपनी अपने इस आईपीओ के माध्यम से हिस्सेदारी बेचेगी। इस आईपीओ को लाने के लिए निवेश बैंकरों से कंपनी की बातचीत अंतिम दौर में है। सेबी ने यूटीआई एएमसी को क्रॉसहोल्डिंग नियमों का पालन करने का निर्देश दिया है|
सेबी के नियमों के अनुकूल बनना होगा:
बता दें यूटीआई म्यूचुअल फंड में कई कंपनियों की हिस्सेदारी है। सेबी के नियमों के अनुसार यदि किसी कंपनी में शेयरधारक के पास म्यूचुअल फंड कंपनी की 10 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी होती है, तो वह उसी आकार के दूसरे फंड में उतनी हिस्सेदार नहीं ले सकता। इसके बाद वह कंपनी बोर्ड में नहीं रह सकती है।आईपीओ लाने के लिए यूटीआई म्यूचुअल फंड को अपने ढांचे में बदलाव कर नियमों के अनुकूल बनना होगा।जिसके बाद यूटीआई म्यूचुअल फंड आईपीओ लाने की पात्रता पा सकेगी।
ये कंपनियां हैं शामिल :
यूटीआई म्यूचुअल फंड में 4 कंपनियों एलआईसी, एसबीआई, पीएनबी और बैंक ऑफ बड़ौदा की हिस्सेदारी 18.5 फीसदी है। इनके अलावा अमेरिका की असेट मैनेजमेंट कंपनी टी रो प्राइस के पास यूटीआई एएमसी की बाकी 26 फीसदी हिस्सेदारी है| सेबी के नियमों के अनुसार आईपीओ(ipo) लाने के लिए यूटीआई में हिस्सेदारी रखने वाली कंपनियों को मार्च 2019 तक अपनी हिस्सेदारी घटाकर 10 फीसदी से नीचे लानी होगी|
क्या है सेबी का नियम?
मार्च 2018 में सेबी ने क्रॉस-होल्डिंग्स रूल्स लागू किए थे|ये बदलाव सेबी ने हितों के संभावित टकराव को रोकने के उद्देश्य से किये थे| इसके अनुसार, अगर किसी शेयरधारक की किसी म्यूचुअल फंड कंपनी में कम से कम 10 फीसदी हिस्सेदारी है तो वह किसी दूसरे फंड हाउस में इतनी ही हिस्सेदारी नहीं रख सकता| उसे दूसरी कंपनी के बोर्ड में अपनी पॉजिशन भी छोड़नी होगी|