राजस्थान में मक्के की फसलों का उत्पादन 2,000 टन प्रति माह
गुजरात में मक्के का उत्पादन 10000 टन मासिक के साथ नंबर वन पर है

भारत देश की अर्थव्यवस्था काफी समय से कई चुनौतियों का सामना कर रही है| इस वर्ष भारी बारिश के कारण कई फसलों के उत्पादन को भी नुकसान हुआ है| जिसमें प्याज, टमाटर जैसी चीजें शामिल हैं| पूर्ति की कमी और बढ़ती मांग की वजह से चीजों के दाम में बढ़ोत्तरी हो रही है| एजेंसी की खबर के मुताबिक़ गुजरात में मक्के का उत्पादन 10000 टन मासिक के साथ नंबर वन पर है| राजस्थान में हाल के महीनों में मक्का खल उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है| जो कि दोगुना होकर 2,000 टन प्रति माह तक पहुंच गया। साथ ही राजस्थान में मक्के की फसलों के उत्पादन में गुजरात के बाद दूसरे नंबर पर है|
तेल उद्योगों से प्राप्त जानकारी से राजस्थान में करीब डेढ- दो साल पहले मक्का खल का उत्पादन शुरू हुआ। दो साल की अवधि में ही राज्य में मक्का खल उत्पादन अत्यधिक बढ़ा है। मक्के की बढ़ती मांग को देखते हुए गुजरात के व्यापारी राजस्थान से भी मक्का खल मंगा कर आपूर्ति कर रहे हैं। पहले मक्के का अत्यधिक उत्पादन सिर्फ गुजरात में था लेकिन उद्योग सू्त्रों के अनुसार अब उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब है|अभी स्थिति ऐसी है कि मक्का खल की आपूर्ति राजस्थान के उद्योग से की जा रही है।
बाजार के जानकारों के अनुसार तेल उद्योग उत्तराखंड, कानुपर, बिहार, बंगाल से मक्का की खरीद करता है। मक्के की जगह पर आधे भाग से पांच प्रतिशत आयलसीड (बीज का तेल वाला हिस्सा) निकाला जाता है। मक्का आयल सीड की पेराई से 14 प्रतिशत तक तेल मिलता है। बाजार में मक्का खल का बाजार भाव 3,600 से 3,700 रुपये क्विंटल के बीच चल रहा है।