रेकरिंग डिपाजिट और छोटी बचत योजनाओं में आयकर में छूट
ब्याज आय पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है।

अगर आपको भी इंतज़ार है ऐसी निवेश स्कीम का जिसमे आपको आयकर में छूट मिल सके तो पोस्ट ऑफिस की रेकरिंग डिपाजिट अर्थात आवर्ती जमा और राष्ट्रीय बचत पत्र बेहतर ऑप्शंस में से एक है। इन दोनों में ही इनकम पर अर्थात ब्याज आय पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है। इस सेक्शन के तहत छूट की सीमा 1.5 लाख रुपये है। टैक्स फाइल डॉट इन में सीनियर टैक्सेशन एडवाइजर शुभम अग्रवाल कहते हैं कि रेकरिंग डिपाजिट और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट से हुई इंटरेस्ट इनकम को ‘अन्य स्रोतों से आय’ के रूप में देखा जाता है। यह इनकम टैक्स के दायरे में आती है।
इस ब्याज पर किसी व्यक्ति के इनकम स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है। कुल ब्याज 40,000 रुपये से अधिक होने पर टैक्स हमेशा 10 प्रतिशत की दर से काटा जाता है। रिटर्न दाखिल करते समय छूट क्लेम करने की जरूरत पड़ती है।
महत्वपूर्ण जानकारी
- आवर्ती जमा और राष्ट्रीय बचत पत्र में आयकर में छूट मिलती है।
- सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट की सीमा 1.5 लाख रुपये है।
- सेक्शन 80 टीटीए के तहत डाकघर जमा पर 10,000 रुपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुल 3 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं है।
- सेक्शन 80 टीटीबी के तहत फिक्स्ड डिपाजिट 50,000 रुपये तक के ब्याज पर छूट मिलती है।
सेक्शन 80 टीटीए के तहत सेविंग्स बैंक या डाकघर जमा पर 10,000 रुपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। पोस्ट ऑफिस आवर्ती जमा और राष्ट्रीय बचत पत्र से हुई ब्याज आय पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है। इस सेक्शन के तहत छूट की सीमा 1.5 लाख रूपये है वहीँ वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुल 3 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं है। साथ ही सीनियर सिटीजन को सेक्शन 80 टीटीबी के तहत फिक्स्ड डिपाजिट 50,000 रुपये तक के ब्याज पर छूट भी मिलेगी।
आपको सेक्शन 80एस के तहत सभी एक्जेम्प्शन और सैलरी व हाउस प्रॉपर्टी के मद में सभी डिडक्शन के बाद अपनी कुल इनकम को कैलकुलेट करने की जरूरत होती है।