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Add on offering – ऐड ऑन ऑफरिंग

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यह वह शेयर्स होते है जिसे कम्पनी के द्वारा शेयर किया जाता है जो पहले से ही मार्किट में है | कम्पनिया ऐड ऑन ऑफरिंग का इस्तेमाल पैसे बनाने के लिये करती है जिससे वो नए प्रोजेक्ट्स में निवेश कर सके |

एडिशनल पब्लिक ऑफरिंग को पब्लिक ऑफरिंग भी कहते है जिसमे कम्पनी नए शेयर सेल करती है जो कि पहले से ही IPO में है|

प्राइस ऑफरिंग पब्लिक प्रतिभूति की एक शेयर की कीमत है जिससे इन्वेस्मेंट बैंकर पब्लिक हियरिंग के समय खरीदते है जिसमे मैनेजमेंट फीस और बाकी सारे दर जुड़े रहते है |

जब कोई भी शेयर पहली बार मार्किट में आते तब तो जो भी उस्की वैल्यू होती है वो इशू प्राइस होती है | इशू प्राइस को कम्पनी कम करती है तो इन्वेस्टर को डिस्काउंट प्राइस और इशू प्राइस के बीच का जो अंतर है वो उसे मैच्योरिटी पर मिलता है |

यह एक तरीके का स्टॉक यूनिट्स होता है जो कि कम्पनी अपने गवर्मेंट आर्टिकल के पत्र में दिखाते है | यह कैपिटल कम्पनी पूरी तरीके से बचा कर रखती है क्योकी आगे जा कर उन्हें उसमे स्टॉक्स की वृद्धि करनी पड़ सकती है जिससे उन्हें फ़ायदा हो सकता है |

बैंक का ऑथोराइज्ड कैपिटल कम्पनी के द्वारा बढ़ाया जाता है जिसमे शेयर होल्डर्स कम्पनियों के रजिस्ट्रार को थोड़े ज्यादा पैसे देते है |

पेड अप कैपिटल शेयर होल्डर्स के पैसे होते है जो आगे जा कर उन्ही के खर्चे के लिये इस्तेमॉल किये जाते है | पेड अप कैपिटल ऑथोराइज्ड कैपिटल से हमेशा कम होते है |

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