सरकारी बैंकों की वित्तीय सेहत सुधरी है: निर्मला सीतारमण
एनपीए घटकर 7.27 लाख करोड़ रुपये

सरकारी बैंकों की वित्तीय सेहत सुधरी है।उनका मार्च 18 में सकल एनपीए 8.96 लाख करोड़ रुपये था जो इस वर्ष सितंबर में घटकर 7.27 लाख करोड़ रुपये पर आ गया।उनके वित्तीय प्रावधान का अनुपात सात वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है और बैंक मुनाफा कमाने लगे हैं। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 13 बैंकों ने लाभ अर्जित किया है।ये बातें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहीं| वे बजट 2020 की तैयारियों के पूर्व बैंकिंग समीक्षा के बाद संवाददाताओं को संबोधित कर रही थी|
बजट पूर्व बैंकिंग समीक्षा :
विदित हो कि वित्त मंत्री आगामी वित्तीय वर्ष 2020 के बजट के पूर्व समीक्षा एवं परामर्श बैठक आयोजित कर रही हैं| इन बैठकों में हर वर्ग एवं सेक्टर के उद्यमियों कि समस्या के आकलन के साथ ही उनकी राय भी मांगी जा रही है|ऐसी ही एक बैठक में वित्त मंत्री सरकारी एवं निजी बैक प्रमुखों के साथ मुलाक़ात की|इस बैठक में बैंकिंग सम्बंधित समस्याओं पर रायशुमारी की गयी| वित्त मंत्री ने बताया कि बैंकों की स्थिति बेहतर हुई है|
अब मात्र पांच बैंक घाटे में हैं:
शनिवार को आयोजित बजट पूर्व परामर्श बैठक में वित्त मंत्री ने बैंकिंग के हालातों में सुधार की बात पर संतोष व्यक्त किया|उन्होने कहा कि,सरकार द्वारा लगातार किये गये सुधारों से बैंकों की स्थिति बेहतर हुयी है और चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 13 बैंकों ने मुनाफा कमाया है।सीतारमण ने कहा कि उपयोगी प्रावधान किये जाने के कारण अब मात्र पांच बैंक घाटे में है।
बैंकों ने वसूले 4.53 लाख करोड़ रुपये:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष के बजट की तैयारियों से पहले सरकारी एवं निजी बैंक प्रमुखों के साथ बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित किया| बैंक के एनपीए से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्षों में बैंकों ने 4.53लाख करोड़ रुपये वूसले हैं। एस्सार की रिजलुशन प्रक्रिया से बैंकों को 38,896 करोड़ रुपये मिले हैं। वर्ष 2018-19 और चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में एस्सार मामले को छोड़कर बैंकों ने 2.08 लाख करोड़ रुपये रिकवर किये हैं।
विलय पर भी हुई चर्चा:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ ही इस बैठक में वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार ने भी सहभागिता की| इस अवसर पर राजीव ने कहा कि चार सरकारी बैंक अभी भी रिजर्व बैंक के पीसीए लिस्ट में है और उम्मीद है कि अगली तीन तिमाहियों में ये बैंक पीसीए से बाहर आने की स्थिति में होंगे तब रिजर्व बैंक इस पर विचार करेगा। बैंकों के विलय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उचित समय पर यह निर्णय लिया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय का उदारहण देते हुये कहा कि इससे उसका प्रदर्शन बेहतर हुआ है।