सार्वजनिक बैंकों ने वसूले 1,996.46 करोड़ रुपये
मिनिमम मंथली बैलेंस न रखने की पेनाल्टी के तौर पर वसूली ये राशि

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने ग्राहकों के बचत खाते में न्यूनतम राशि न होने पर जमकर वसूला जुर्माना| वित्त वर्ष 2018-19 में खाते में मिनिमम मंथली बैलेंस नहीं होने पर बैंकों ने पेनल्टी (Penalty) के तौर पर ग्राहकों से 1,996.46 करोड़ रुपये हासिल किये हैं| यह जानकारी वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने दी| वे सोमवार को लोकसभा में लिखित प्रश्न का उत्तर दे रहे थे|
वसूली में आयी कमी:
संसद में दिए एक लिखित जवाब में वित्त राज्यमंत्री ने लोकसभा में बताया कि सरकारी बैंकों को मिले मिनिमम बैलेंस पेनल्टी में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले में कमी आई है| विदित हो कि वित्त वर्ष 2017-18 में 18 सरकारी बैंकों ने मिनिमम बैलेंस पेनल्टी के तौर पर 3,368.42 करोड़ रुपये वसूले थे|जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में सरकारी बैंकों ने खाताधारकों से 790.22 करोड़ रुपए की वसूल किये थे|
इन खातों पर नहीं लगेगा जुर्माना:
अनुराग ने बताया कि बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट खातों (BSBD Accounts) में मिनिमम मंथली बैलेंस नहीं रखने पर बैंक कोई जुर्माना नहीं लेते हैं| इनमें प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खुले खाते (PMJDY Accounts) भी शामिल हैं|बता दें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्देशानुसार, सभी बैंकों के लिए यह सेवा मुहैया कराना अनिवार्य है| इस खाते को आप सहयोगी खाते के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं|इस खाते में आपको कोई न्यूनतम औसत राशि रखने की जरूरत नहीं होती| इस खाते पर सामान्य बचत खाते जितनी ही ब्याज मिलती है| हालांकि, यह एक जीरो बैलेंस बचत खाता है,लेकिन इसमें लेन-देन की संख्या की सीमा है|
एसबीआई ने पेनल्टी में 75 फीसदी तक की कमी की:
वसूली में कमी क एक वजह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) द्वारा बचत खाते में मिनिमम बैलेंस बरकरार न रखने पर 1 अक्टूबर 2017 से कम किया गया जुर्माना भी है|एसबीआई ने सेविंग अकाउंट में मिनिमम अकाउंट बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर लगने वाली पेनल्टी में 75 फीसदी तक की कमी की है|बैंक के इस कदम से 25 करोड़ से अधिक कस्टमर्स को फायदा मिला है|
ये है SBI का नीयम:
- एसबीआई की वेबसाइट sbi.co.in के अनुसार जिन उपभोक्ताओं का सेविंग अकाउंट महानगरों और शहरों की बैंक शाखा में है, उन कस्टमर्स को मिनिमम अकाउंट बैलेंस 3000 रुपये बनाए रखना होता है|
- सेमी अर्बन इलाके के उपभोक्ताओं को औसतन मासिक मिनिमम बैलेंस 2000 रुपये बनाए रखना होता है|
- ग्रामीण इलाके के ग्राहकों को हर महीने औसतन 1000 रुपये मिनिमम बैलेंस के रूप में पैसे जमा रखने होते हैं|
ये होगा जुर्माना:
- महानगरों और शहरी क्षेत्र के ग्राहकों को महीने में औसत मिनिमम बैलेंस न रहने पर 10 रुपये+जीएसटी से लेकर 15 रुपये+जीएसटी पेनाल्टी वसूली जायेगी|
- सेमी अर्बन इलाकों के ग्राहकों को औसत मिनिमम बैलेंस न रहने पर 7.5 रुपये+जीएसटी से लेकर 12 रुपये+जीएसटी का जुर्माना लिया जाएगा|
- ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों के सेविंग अकाउंट में औसत मिनिमम बैलेंस नहीं होने पर कस 5-10 रुपये+जीएसटी पेनाल्टी के तौर पर लिया जाएगा|