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सेबी का निर्देश: सुरक्षित म्युचुअल फंड में निवेश

लेनदेन में निवेशकों के धन का इस्तेमाल रोकने का प्रस्ताव

कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग घटनाक्रम ने निवेश जगत को स्तब्ध कर दिया था|इस घटनाक्रम से सबक लेते हुए सेबी ने ब्रोकरों अथवा क्लियरिंग कारपोरेशन सदस्यों के पास रखे म्युचुअल फंड कोषों के धन अथवा यूनिटों के सीधे इस्तेमाल को रोकने का प्रस्ताव किया है| पूंजी बाजार नियामक सेबी ने निवेशकों के धन को सुरक्षित रखने के लिये ये कदम उठाया है।सेबी ने म्युचुअल फंड यूनिटों के लेनदेन में निवेशकों के रखे गये धन (पूल खाते) का इस्तेमाल रोकने का प्रस्ताव किया है।

निवेश राशि के गलत प्रयोग की आशंका:

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा है कि इस तरह के मामले सामने आये हैं जहां ट्रेडिंग और क्लियरिंग सदस्यों द्वारा उनके पास रखे गये निवेशकों और ग्राहकों के धन अथवा प्रतिभूतियों का इस्तेमाल खुद के अथवा किसी तीसरे पक्ष के मार्जिन दायित्वों को पूरा करने में इस्तेमाल किया गया है। कई बार इन प्रतिभूतियों का इस्तेमाल शेयरों के एवज में कर्ज जुटाने के लिए भी हुआ है|सेबी के अनुसार  जब स्टाक ब्रोकर, क्लियरिंग सदस्यों और म्युचुअल फंड वितरकों और निवेश सलाहकारों द्वारा उपलब्ध कराये गये डिजिटल प्लेटफार्म के जरिये म्युचुअल फंड सौदे किये जाते हैं तो ऐसे में उपलब्ध निवेश राशि के दुरुपयोग की गुंजाइश बनी रहती हे। सेबी का कहना है कि ऐसे सौदों में म्युचुअल फंड कोषों को पता नहीं चलता है कि धन कहां से आ रहा है क्योंकि उन्हें जो धन प्राप्त होता है वह निवेशको के पूल खाते अथवा अलग से रखे गये एस्क्रो खाते से आता है।

कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग प्रकरण के बाद सेबी का कदम:

विदित हो कि कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग मामले में ब्रोकिंग कंपनी ने उसके ग्राहकों की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि की प्रतिभूतियों का दुरुपयोग करने का आरोप है। ऐसे में निवेशकों की सुरक्षा को देखते हुए सेबी ने प्रस्ताव किया है कि स्टॉक ब्रोकर, म्युचुअल फंड वितरक, निवेश सलाहकार और दूसरे प्लेटफार्म, म्युचुअल फंड लेनदेन के लिये अब कोष की पूलिंग अथवा म्युचुअल फंड यूनिट नहीं रख सकेंगे।बता दें कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग का मामला सामने आने के बाद बड़ी संख्या में निवेशकों को परेशानी का सामना करना पड़ा था|

क्लियरिंग निवेशक के बैंक खाते में:

न्यूज़ एजेंसी भाषा में सेबी द्वारा प्रकाशित परिचर्चा पत्र के अनुसार, भुगतान सीधे निवेशक के बैंक खाते से मान्यता प्राप्त क्लियरिंग कारपोरेशन को प्राप्त हो और निवेशक को भुगतान करने के मामले में सीधे क्लियरिंग कारपोरेशन से निवेशक के बैंक खाते में किया जाना चाहिये। सेबी ने  इस परिचर्चा पत्र में कहा है कि किसी एक्सचेंज के प्लेटफार्म पर शेयर ब्रोकर के जरिये होने वाले सौदे के मामले में शेयर बाजारों को बेहतर प्रणाली स्थापित करनी चाहिये। इसमें ऐसी व्यवस्था होनी चाहिये कि म्युचुअल फंड यूनिटों की प्राप्ति और उसकी बिक्री सीधे निवेशकों के खाते में अथवा खाते से जारी किया जायेगा। इसमें ब्रोकर अथवा म्युचुअल फंड वितरकों, निवेश सलाहकारों के पास किसी तरह का कोई भंडारण नहीं होगा जहां से वह नकदी अथवा यूनिटों का लेनदेन करते रहें।