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सेवा कर / सर्विस टैक्स क्या है ?

सेवा कर या सर्विस टैक्स किसी व्यक्ति या कंपनी द्वारा प्रदान की गयी सेवाओं पे लगाया जाता है।

सेवा कर / सर्विस टैक्स (Service Tax) भारत में लगाए जाने वाले अप्रत्यक्ष करो में से एक है। जैसा की नाम से ही स्पष्ट है सेवा कर या सर्विस टैक्स (Service Tax) किसी व्यक्ति या कंपनी द्वारा प्रदान की गयी सेवाओं पे लगाया जाता है। किसी होटल का ही उद्धारण ले लीजिये, आप किसी होटल में जाते हैं ,वहां आपको अलग अलग तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है जिसके लिए आप पैसे भरते है, उसी के साथ कुछ अन्य छोटी- मोटी सेवाएं भी आपको प्रदान की जाती है जैसे: रूम सर्विस या कोई और सेवा जिसके लिए आपको कुल खर्च में कुछ और राशि जोड़कर देनी पड़ती है, जिसे सेवा कर/सर्विस टैक्स(Service Tax) कहते हैं।

भारत में सेवा कर / सर्विस टैक्स (Service Tax) वित्त अधिनियम, १९९४ के अध्याय V द्वारा १९९४ में शुरू किया गया था। जो आज तक जारी है।
वित्त अधिनियम के तहत सेवा कर की उगाही जम्मू और कश्मीर राज्य को छोड़कर पुरे भारत में की जा रही है।

सेवा कर / सर्विस टैक्स (Service Tax) से जुडी प्रमुख बातें :

१. वर्ष १९९४ -९५ में पहली बार सेवा कर / सर्विस टैक्स (Service Tax ) का आरोपण किया गया, उस समय सरकार को सेवा कर से ४०७ करोड़ की प्राप्ति हुई थी।
२. सेवा कर / सर्विस टैक्स (Service Tax) का आरोपण एवं संग्रहण वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा ही किया जा रहा है , किन्तु भविष्य में राज्य सरकारें भी इस कर का आरोपण कर सकेगी इसके लिए ९५ संबिधान संसोधन विधेयक मई २००३ में संसद ने पारित कर दिया था।
३. उलेखनीय है कि सेवा कर का कोई प्रावधान संबिधान की सातवीं अनसूचि में संघ सूचि , अथवा समवर्ती सूची में अभी तक नहीं है। इसके बावजूद १ जुलाई १९९४ से केंद्र सरकार द्वारा यह कर संविधान की संघ सूची में प्रदत उस विसेषाधिकार के तहत लगाया जा रहा है, जिसमे कहा गया है कि किसी भी सूचि (संघ राज्य अथवा समवर्ती) में न शामिल किसी कर को लगाने का अधिकार केंद्र का होगा।
४. वर्ष २०१५ -१६ के बजट में सेवा कर १२% से बढाकर १४% कर दिया गया है जो वर्तमान में चल रहा है।

अन्य सभी कर की तरह, यह भी एक महत्वपूर्ण कर जो देश की अर्थव्यवस्था को प्रमुख रूप से प्रभावित करता है।