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केंद्र के खिलाफ अनिल अंबानी ने जीता 104 करोड़ रूपए का मुकदमा

स्पेक्ट्रम के लिए जमा शुल्क को लेकर हो रही थी खींचतान

दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रहे रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) के अनिल अंबानी के लिए पिछले कुछ दिनो में दो राहत भरे रहे हैं| सुप्रीम कोर्ट ने आज सरकार को आदेश दिया है कि रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) को 104 करोड़ रुपए लौटाए जाए| ज्ञात हो कि इससे कुछ दिन पूर्व दामोदर वैली कॉरपोरेशन (DVC) के 1250 करोड़ के मुकदमें में अनिल अंबानी की जीत हुई थी|

21 दिसंबर 2018 को भी RCOM के पक्ष में आया था फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने आज के फैसले में सरकार को आदेश दिया है कि रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) को 104 करोड़ रुपए लौटाए जाए| RCOM की यह राशि बैंक गारंटी के तौर पर सरकार के पास जमा है| इस मामले में टेलीकॉम डिस्प्यूट्स सेटलमेंट एंड अपीलेट ट्रिब्यूनल (DTSAT) ने 21 दिसंबर 2018 को भी RCOM के पक्ष में फैसला दिया था| तब DTSAT ने कहा था कि RCOM की 908 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी में से सरकार स्पेक्ट्रम चार्ज के 774 करोड़ रुपए भुनाकर 104 करोड़ रुपए कंपनी को लौटा दे|

ज्ञात हो कि टेलीकॉम विभाग 30 करोड़ रुपए पहले ही एडजस्ट कर चुका था| मगर सरकार ने DTSAT के इस फैसले को नहीं माना और इसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी| जस्टिस आर एफ नरीमन और एस रविंद्र भट्ट की बेंच ने आज मंगलवार को फैसले में सरकार के सभी दावों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार की अपील में कोई मेरिट नहीं है और सरकार RCOM की बकाया राशि 104 करोड़ रूपए को जल्द वापस करें|

DVC के 1,250 करोड़ रुपए के मुकदमें में भी हुई थी जीत

गौरतलब है कि इससे कुछ दिन पहले अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने दामोदर वैली कॉरपोरेशन (DVC) के खिलाफ 1,250 करोड़ रुपए का मध्यस्थता वाले मुकदमें को भी जीता था| DVC मामले में बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा था कि इस राशि का इस्तेमाल ऋणदाताओं का भुगतान करने और कंपनी के कर्ज को कम करने के लिए किया जाएगा| इस मुकदमें को तीन सदस्यीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने शनिवार को सर्वसम्मति से रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के पक्ष में फैसला दिया था| ज्ञात हो कि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को पश्चिम बंगाल में DVC की 1200 मेगावॉट की रघुनाथपुर ताप बिजली परियोजना का इंजीनियरिंग और निर्माण अनुबंध प्राप्त था|

ज्ञातव्य हो कि एक समय भारत में मोबाइल और टेलिकॉम क्रान्ति लाने वाले अनिल अंबानी का टेलिकॉम का व्यवसाय पूरी तरह से डूब गया और करीब तीन साल पहले मुसीबत यहां तक आ गई कि अनिल अंबानी को अपना टेलिकॉम कंपनी RCOM के नीलामी के लिए हां करना पड़ा| बताते चलें कि RCOM अभी नीलामी प्रक्रिया से गुजर रही है|