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अहम चर्चा होती है इन 4 बजट पर, जानिये कौन से हैं वो 4 बजट

अहम् 4 बजट आप भी जानिये

मोदी सरकार का दूसरा बजट एक फरवरी को पेश होगा। बजट से देश की आर्थिक सेहत और तस्वीर को देखने में मदद मिलती है। बजट से लोगों को काफी उम्मीदें होती हैं। आम लोग Income Tax में कटौती के साथ और भी कई तरह के उपायों की उम्मीद करते हैं, वहीं कंपनियां निवेश को लेकर उठाए जाने वालों कदमों का आंकती हैं। इससे सरकार के नीतिगत रुख का पता चलता है। यही वजह है कि देश के आर्थिक मुद्दों में बहुत कम दिलचस्पी लेने वाले लोग भी Budget पर चर्चा करते हैं।

कलडोर बज

1957-58 वित्त वर्ष का  बजट वित्त मंत्री टी टी कृष्णामाचारी ने पेश किया था। इस बजट को 15 मई, 1957 को पेश किया गया गया था।  वित्त वर्ष 1957-58 के बजट में कई बड़े फैसले लिए गए। इन फैसलों का सकारात्मक और नकारात्मक असर  देखने को मिला। इस बजट में Non-Core Projects के लिए आबंटन को वापस लेने का ऐलान किया गया था। इसमें वेल्थ टैक्स लगाया गया था तथा एक्साइज ड्यूटी में 400 फीसद की जबरदस्त वृद्धि की गई थी।

द ब्लैक बजट

वित्त वर्ष 1973-74 का बजट तात्कालीन वित्त मंत्री यशवंतराव बी चह्वाण ने पेश किया था। चव्हाण ने जो बजट पेश किया था उसमे साधारण बीमा कंपनियों, भारतीय कॉपर कॉरपोरेशन और कोल माइन्स के राष्ट्रीयकरण के लिए फंड आबंटित किए गए। इस मद में बजट में 56 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। 1973-74 वित्त वर्ष  बजट में घाटा लगभग 550 करोड़ रुपये रहा था। हालांकि, कोयले की खदानों के नेशनलाइजेश का जबरदस्त प्रभाव देखने को मिला एवं सरकार ने कोयले के कारोबार को पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लिया। इसीलिए इसे ब्लैक बजट कहते हैं। 

उदारीकरण का सूत्रपात

कांग्रेस की नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने वित्त वर्ष 1991-92 का केंद्रीय बजट पेश किया था। भारत में जब भी बजट के इतिहास को लेकर चर्चा होगी, इस बजट का जिक्र जरूर होगा। इस बजट में मनमोहन सिंह ने देश की इकोनॉमी को दुनिया के लिए खोल दिया। इस बजट में एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट, लाइसेंसिंग नीति में तमाम सुधारों की घोषणा की गई।

ड्रीम बजट

तात्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने वित्त वर्ष 1997-98 का बजट पेश किया था। इस बजट को ड्रीम बजट कहा जाता है। इस केंद्रीय बजट में आयकर एवं कॉरपोरेट टैक्स में भारी कटौती की गई थी। इसके अलावा भी कई तरह के ऐसे कदम उठाए गए थे जिसकी वजह से ड्रीम बजट कहा जाता है।