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सरकार का निर्देश- मलेशिया के बजाय इंडोनेशिया से करें पामतेल आयात!

मलेशिया सरकार ने कुछ समय पूर्व भारत के आंतरिक मामले में राय दी थी

भारतीय किचन का हिस्सा बन चुके पाम ऑइल पर भारत सरकार ने मलेशिया को करा रुख दिखाया है| भारत के नये नागरिकता कानून तथा कश्मीर के मुद्दे पर मलेशिया की टिप्पणीयों के बाद भारत द्वारा अब इंडोनेशिया से कहीं अधिक पाम तेल का आयात किये जाने की संभावना है| सरकारी और उद्योगजगत के सूत्रों ने यह जानकारी दी| सूत्रों के अनुसार सरकार ने पाम तेल का शोधन करने वाली कंपनियों को मलेशिया से पाम आयल का आयात नहीं करने की अनौपचारिक सलाह दी है|

भारत हर वर्ष खरीदता है 1.5 करोड़ टन खाद्यतेल 

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार एक सरकारी सूत्र ने कहा कि सोमवार को वाणिज्य मंत्रालय ने खाद्य तेल उद्योग के अंशधारकों के साथ एक विस्तृत बैठक की और उन्हें अनौपचारिक रूप से मलेशियाई पाम तेल की खरीद करने से बचने को कहा है| ज्ञात हो कि दुनिया में वनस्पति तेलों का सबसे बड़ा आयातक देश भारत, हर वर्ष लगभग 1.5 करोड़ टन खाद्यतेल खरीदता है| इसमें से पाम तेल का हिस्सा करीब 90 लाख टन और बाकी 60 लाख टन हिस्सा सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल का हैं|

सूत्रों ने कहा कि, ‘‘हम मलेशिया से 30 प्रतिशत पामतेल का आयात करते हैं, जबकि इंडोनेशिया से 70 प्रतिशत आयात करते हैं| हमारे रिफाइनर इंडोनेशिया से आयात कर सकते हैं, जो मलेशिया बहुत अधिक उत्पादन करता है|’’

इंडोनेशिया, मलेशिया से ढाई गुना पाम तेल का करता है उत्पादन 

ज्ञात हो कि इंडोनेशिया और मलेशिया दो ऐसे देश हैं जो पामतेल की आपूर्ति करते हैं| उसने कहा इंडोनेशिया से आयात करने के लिए कोई अतिरिक्त लागत नहीं होगी क्योंकि उत्पाद और कीमत एक समान है| व्यापार के आंकड़ों के मुताबिक मलेशिया एक साल में 1.9 करोड़ टन पामतेल का उत्पादन करता है, जबकि इंडोनेशिया 4.3 करोड़ टन का पामतेल का उत्पादन करता है| उद्योग जगत के एक सूत्र ने कहा, ‘‘जब पामतेल उत्पाद और कीमतें समान हैं तो तेलशोधक कंपनियों को इंडोनेशिया से पामतेल का आयात करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा| सरकार ने अनौपचारिक रूप से हमें नहीं खरीदने को बोला है तो तेलशोधक कंपनियां जोखिम क्यों मोल लेंगी|’’

भारत सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के आयात बढाने पर करेगा विचार 

सूत्रों ने कहा कि पाम ऑयल के बजाय घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए भारत सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल के आयात को बढ़ाने के बारे में सोच सकता है|

विदित है कि मलेशियाई प्रधान मंत्री महाथिर बिन मोहम्मद अक्सर भारत के आंतरिक मुद्दों पर बोलते रहते हैं, जिससे भारत नाराज है| मलेशियाई प्रधान मंत्री महाथिर बिन मोहम्मद ने कथित तौर पर कहा था, ‘मुझे यह देखकर खेद है कि भारत, जो एक धर्मनिरपेक्ष राज्य होने का दावा करता है, अब कुछ मुसलमानों को उनकी नागरिकता से वंचित करने की कार्रवाई कर रहा है|’ उन्होंने आगे कहा था कि अगर यह काम हम यहां करें तो आप जानते हैं कि क्या होगा| अराजकता होगी, अस्थिरता होगी और हर किसी को परेशानी झेलनी पड़ सकती है|’ इससे पहले, महाथिर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा था कि भारत ने कश्मीर पर आक्रमण और कब्जा” किया है|

पाम ऑइल आज के समय में भारतीयों के भोजन का अभिन्न अंग हो गया है और यह भी सत्य है कि पाम ऑइल के भारत में आगमन के बाद से खाद्य तेल की कीमतों में नियंत्रण आया है और सरसो तेल पर से निर्भरता कम हुई है| अगर भारतीय कारोबारी, सरकार के इस निर्देश का पूर्ण रूप से पालन करते हैं तो मलेशिया को इसका बहुत नुकसान होने वाला है, साथ ही यह सबक भी मिलेगा कि किसी भी देश के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए| हालांकि मलेशिया ने रुख को भांपते हुए अपने पाम तेल के निर्यात टैक्स में डिस्काउंट भी दिया है मगर भारत के कारोबारी देश हित में निर्णय लेंगे, इसकी पूरी उम्मीद है|