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ई-वाणिज्य कंपनियों को भारतीय नियमों का पालन करना होगा : पीयूष गोयल

भारत पर कोई एहसान नहीं कर रही अमेजन

ई-वाणिज्य कंपनियों को भारतीय नियमों का अक्षरश: अनुपालन करना होगा। उन्हें कानून में छिद्र ढूंढकर पिछले दरवाजे से भारतीय बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।अमेजन एक अरब डॉलर निवेश कर सकती है लेकिन अगर उन्हें नुकसान हो रहा है, तो वे उसका इंतजाम भी कर रहे होंगे। इसीलिए ऐसा नहीं हे कि वे एक अरब डॉलर का निवेश कर भारत पर कोई एहसान कर रहे हैं।ये बातें वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गुरूवार को कहीं |वे वैश्विक संवाद सम्मेलन “रायसीना डायलाग” में एक संवाद सत्र को संबोधित कर रहे थे|

विदेशी कंपनियों को 49 प्रतिशत से अधिक निवेश की अनुमति नहीं:

जेफ बेजोस के भारत में एक अरब डॉलर के निवेश की घोषणा का उत्तर देते हुए गोयल ने कहा कि, भारत बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में विदेशी कंपनियों को 49 प्रतिशत से अधिक निवेश की अनुमति नहीं देता।सरकार ने इस क्षेत्र में अभी किसी भी विदेशी खुदरा कंपनी को कारोबार की अनुमति नहीं दी है।अमेजन एक अरब डॉलर निवेश कर रही गई तो वो उस 1 अरब डॉलर का इंतजाम भी कर रहे होंगे।ऐसा नहीं है कि वे एक अरब डॉलर का निवेश कर भारत पर कोई एहसान कर रहे हैं। गौरतलब है कि भारत दौरे पर आये जेफ़ बेजोस को वाणिज्य मंत्री ने मिलने का समय नहीं दिया है।भारतीय व्यापारियों का संगठन कैट भी अमेजन संस्थापक के भारत दौरे का विरोध कर रहा है|

ई-वाणिज्य कंपनियों पर उठाये सवाल?

संवाद सत्र के दौरान वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने विदेशी ई-वाणिज्य कम्पनियों की कार्य शैली पर कुछ तल्ख सवाल भी उठाये|उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियां पिछले कुछ साल से गोदामों और अन्य गतिविधियों में पैसा लगा रही हैं। यह स्वागतयोग्य और अच्छा है। लेकिन क्या वे घाटे के वित्त पोषण के लिए धन लगा रहे हैं?भारत के निष्पक्ष बाजार मॉडल में कारोबार 10 अरब डॉलर का है और अगर कंपनी को अरबों डॉलर का नुकसान हो रहा है,निश्चित रूप से यह सवाल पैदा करता है कि नुकसान कहां से आता है? मुझे भरोसा है कि जो प्राधिकरण इसे देख रहा है, वे उसका जवाब लेंगे और मुझे विश्वास है कि ई-वाणिज्य कंपनियों भी अपना पक्ष रखेंगी। विदित हो कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने हाल ही में ई-वाणिज्य कंपनियों फ्लिपकार्ट और अमेजन के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं । यह आदेश बड़ी छूट समेत तरजीही विक्रेताओं के साथ गठजोड़ समेत गड़बड़ियों की जांच के लिए दिया गया है।भारतीय नीतियों पर स्पष्टीकरण देते हुए वाणिज्य मंत्री मंत्री ने कहा कि, भारत ई-वाणिज्य बाजार में विदेशी निवेश की अनुमति देता है। इस मॉडल में खरीदार और विक्रेता व्यापार करने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन ये ई-वाणिज्य कंपनियां अपना माल भंडार नहीं रख सकती है या वे कीमतें तय नहीं कर सकतीं।जब तक इन नियमों का अनुपालन होता है, हम भारत में ई-वाणिज्य कंपनियों का स्वागत करते हैं।