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प्रॉफिट बढ़ने पर एंप्लॉयीज को एक्सट्रा सैलरी देगी बैंक

यूनियंस ने पहले परफॉर्मेंस से जुड़े इन्सेंटिव पर सहमति दी थी

बैंक यूनियंस की मीटिंग में बैंक एंप्लॉयीज के लिए पर्फॉर्मेंस से जुड़ी एक इन्सेंटिव स्कीम का प्रपोजल दिया गया है। इस स्कीम पर चर्चा की गई। मीटिंग की अध्यक्षता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन रजनीश कुमार ने की, जो IBA के भी अध्यक्ष हैं।

क्या है स्कीम?

इसके तहत ऑपरेटिंग प्रॉफिट में कम से कम 5 पर्सेंट की सालाना बढ़ोतरी वाले बैंकों के एंप्लॉयीज को 10 दिन की अतिरिक्त सैलरी दी जाएगी।

IBA ने वृद्धि करने वाले बैंकों के एंप्लॉयीज को 14 दिन की अतिरिक्त सैलरी देने की पेशकश की है। जिन बैंकों का प्रॉफिट 15 पर्सेंट से अधिक बढ़ेगा उनके एंप्लॉयीज को 21 दिनों की अतिरिक्त सैलरी दी जाएगी। इससे पहले IBA ने बैंकों के प्रदर्शन को आंकने के लिए ऑपरेटिंग प्रॉफिट और रिटर्न ऑन ऐसेट्स (RoA) दोनों को मापदंड बनाने की बात कही थी।

एक्स्ट्रा सैलरी का आधार

सूत्रों ने बताया कि 14 दिन या 21 दिन की अतिरिक्त सैलरी वाले पर्फॉर्मेंस से जुड़े बेनिफिट के लिए RoA को भी देखा जा सकता है। IBA ने बैंकों की खराब वित्तीय स्थिति का कारण बताते हुए सैलरी में बढ़ोतरी के अपने ऑफर को 12 पर्सेंट से कुछ बढ़ाकर 12.25 पर्सेंट कर दिया है। हालांकि, इसने बैंकों के कामकाजी दिन घटाकर एक सप्ताह में पांच करने की मांग अस्वीकार कर दी है।

इन्सेंटिव कैलकुलेशन

यूनियंस ने पहले परफॉर्मेंस से जुड़े इन्सेंटिव पर सहमति दी थी, लेकिन इसे और स्पष्ट करने को कहा था। बैंकों के ऐनुअल रिजल्ट की घोषणा करने के बाद इन्सेंटिव को कैलकुलेट किया जाएगा। इसे अगले फाइनैंशल इयर से लागू किया जा सकता है। बैंकों और यूनियंस के बीच वेतन में बढ़ोतरी पर समझौता प्रत्येक पांच वर्ष में होता है। अभी 11वें द्विपक्षीय वेतन समझौते पर बातचीत हो रही है। वेतन में यह बढ़ोतरी 1 नवंबर, 2017 से लागू होनी है।

स्कीम की राह मे कई मुश्किलें

नवभारत टाइम्स से ली गई ख़बरों के अनुसार बैंक यूनियंस ने सैलरी में बढ़ोतरी के प्रपोजल को मानने से मना कर दिया है। यूनियंस ने कहा IBA से RoA को पर्फॉर्मेंस से जुड़े बेनिफिट से ना जोड़ा जाए क्योंकि RoA बैड लोन के लिए प्रोविजन पर निर्भर करता है और बैंक के ऑपरेटिंग प्रॉफिट हासिल करने पर भी यह नेगेटिव हो सकता है।
उन्होंने कहा कि सैलरी में बढ़ोतरी की हमारी मांगों को मानने से पहले कई मुश्किलें हैं जिन्हें देखना होगा।
विभिन्न बैंक यूनियंस का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने अपने सदस्यों को बताया है कि बैंकिंग सेक्टर की स्थिति और विशेषतौर पर सरकारी बैंकों की मुश्किलें बहुत है, ‘पहले उन पर गौर करना होगा ।

अतिरिक्त वेतन के आंकड़े

IBA की ओर से सैलरी में 12.25 पर्सेंट की बढ़ोतरी के प्रपोजल के आधार पर बैंकों को मार्च 2017 में समाप्त हुए वित्त वर्ष में अपने 52,625 करोड़ रुपये के बेस सैलरी बिल पर 6,447 करोड़ रुपये के अतिरिक्त वेतन का भुगतान करना होगा।