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एलटीसीजी टैक्स को खत्म करने की मांग: बजट 2020

एलटीसीजी टैक्स को खत्म किया जाए

बीजेपी सरकार के आर्थिक मामलों के प्रवक्ता ने शेयर में निवेश से होने वाली आमदनी पर लगने वाले टैक्स के नियमों में बदलाव की मांग की है। बीजेपी के एक बड़े नेता का कहना है कि अगर इस आमदनी पर टैक्स के नियमों में राहत दी जाती है तो घरेलू शेयर बाजार में पूंजी निवेश बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

पूंजी बाजार में काम करने वाली कंपनियां शेयर या शेयर आधारित म्यूचुअल फंड पर लगने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स को खत्म करने की मांग कर रही हैं। कंपनियां शेयर की होल्डिंग पीरियड को शून्य टैक्स के साथ मौजूदा एक साल से बढ़ाकर दो साल करने की भी सिफारिश में लगी हैं। एक फरवरी 2020 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करने जा रही हैं। बीजेपी के आर्थिक मामलों के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने भारत की अर्थव्यवस्था में डिमांड बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री को यह सलाह दी है।

एक झलक:

  • पूंजी बाजार में काम करने वाली कंपनियां शेयर या शेयर आधारित म्यूचुअल फंड पर लगने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स को खत्म करने की मांग कर रही हैं।
  • भारत में अगर किसी शेयर को खरीदने के एक साल के अंदर बेच दिया जाता है तो उस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के रूप में 15% टैक्स लगाया जाता है।
  • अगर आप शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड एक साल के निवेश के बाद बेचते हैं तो उस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के रूप में 10% कर लगता है।
  • करीब 14 साल के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फंड की बिक्री पर एलटीसीजी टैक्स के रूप में 10% कर का प्रावधान लागू किया था।
  • इससे निवेशकों को काफी निराशा हुई और इसका विदेशी निवेश पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है।
  • इस वजह से भारतीय शेयर बाजार से निवेश सिंगापुर, हांगकांग और लंदन जैसे बाजारों में जा रहे हैं।

किस शेयर पर लगता है कितना टैक्स

भारत में अगर किसी शेयर को खरीदने के एक साल के अंदर बेच दिया जाता है तो उस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के रूप में 15% टैक्स लगाया जाता है। अगर आप शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड एक साल के निवेश के बाद बेचते हैं तो उस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के रूप में 10% कर लगता है। बीजेपी की एक अन्य मांग लाभांश वितरण कर (डीडीटी) के नियमों में संशोधन की भी है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ बजट से पहले एक मीटिंग में बीजेपी के नेताओं ने सरकार से निवेश में जान फूंकने के लिए उद्योग की मांगों और उनके द्वारा सुझाए गए उपायों पर विचार करने का आग्रह किया है।’अग्रवाल ने कहा, “निवेशक एलटीसीजी और डीडीटी की वजह से चिंतित हैं।

इस वजह से भारतीय शेयर बाजार से निवेश सिंगापुर, हांगकांग और लंदन जैसे बाजारों में जा रहे हैं।”करीब 14 साल के बाद साल 2018 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फंड की बिक्री पर एलटीसीजी टैक्स के रूप में 10% कर का प्रावधान लागू किया था। इससे निवेशकों को काफी निराशा हुई और इसका विदेशी निवेश पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है।