ऑयल इंडिया के शेयरों से निवेशकों को लाभ की उम्मीद
ऑयल इंडिया शेयर मे उन्नति की आशा
ऑयल इंडिया शेयर काफी कीमत पर कारोबार कर रहा है। बल्कि इसके शेयर की बेहद कम वैल्यूएशन है। इससे मिलने वाले डिविडेंड भी काफी लुभावने हैं। विश्लेषकों का कहना है इस शेयर मे निवेश करना निवेशको को काफी फायदा देगा। कंपनी का प्राइस-टू-बुक (पीबी) रेशियो 0.52 है। एक ओर जहां यह शेयर अपने ऐतिहासिक प्रति शेयर अर्निंग (ईपीएस) से 5.26 गुना पर ट्रेड कर रहा है। वहीं, 2020-21 के अनुमानित पीई को ध्यान में रखें तो पीई रेशियो के घटकर 4.77 गुना रह जाने के आसार हैं।
कुल मिलाकर चाहे आप ऐतिहासिक पीई का इस्तेमाल करें या फिर फॉर्वर्ड पीई का, यह सात साल में सबसे कम वैल्यूएशन है। इससे अभी 7.39 फीसदी डिविडेंड मिल रहा है। डिविडेंड यील्ड के चलते भी विश्लेषक इस शेयर को लेकर उत्साहित हैं।इस शेयर को खरीदने वाले निवेशकों को इससे होने वाले नुक्सान को भी ध्यान मे रखना चाहिए। उदाहरण के लिए उत्पादन में कमी की चिंता बनी हुई है। ऑयल इंडिया ने 2019-20 की दूसरी तिमाही में बिक्री में 14 फीसदी गिरावट दर्ज की है। एडजस्टेड नेट प्रॉफिट 27 फीसदी घटे हैं।
तीसरी तिमाही के नतीजे
कंपनी अभी अपनी तीसरी तिमाही के नतीजे पेश करने वाली है। लेकिन विश्लेषकों को इनसे कुछ ज्यादा उपेक्षा नहीं है। विश्लेषकों का मानना है कि तीसरी तिमाही के नतीजे भी दूसरी तिमाही जैसे ही होंगे।तीसरी तिमाही में ऑयल इंडिया के रेवेन्यू में कमी आने के आसार हैं। उसके क्रूड ऑयल प्रोडक्शन में करीब 2 फीसदी की कमी आ सकती है। बेंचमार्क मूल्यों में कमी के चलते रियलाइजेशन में गिरावट देखने को मिल सकती है।
वैसे, गैस उत्पादन में कुछ बढ़ोतरी की उम्मीद है। क्रूड ऑयल रियलाइजेशन में कमी से मार्जिन पर असर पड़ेगा। इससे तीसरी तिमाही में नेट प्रॉफिट कम रहेगा। बाजार में इस शेयर पर सब्सिडी के बोझ की आशंका का असर पहले ही पड़ चुका है। लेकिन, यह बहुत बड़ा जोखिम नहीं है। 2016-17 से ऑयल इंडिया शून्य सब्सिडी बोझ का फायदा उठाती आ रही है। दूसरी तिमाही में सब्सिडी का कोई बोझ नहीं था। विश्लेषकों को लगता है कि तीसरी तिमाही में भी ऐसा ही होगा।
इसकी वजह है कि सरकार 2019-20 में रसोई गैस सब्सिडी के लिए 37,500 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान कर चुकी है। इसका मतलब यह है कि ऑयल इंडिया जैसी अपस्ट्रीम कंपनियों पर सब्सिडी का कोई बोझ नहीं पड़ेगा। खासतौर से तब तक जब तक ब्रेंट क्रूड के औसत मूल्य 65 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहते हैं। निवेशकों को इस शेयर में एकमुश्त के बजाय धीरे-धीरे निवेश करना चाहिए। 26 में से 20 विश्लेषक इस शेयर में खरीद की सलाह दे रहे हैं। वहीं, 4 का कहना है कि इसे होल्ड करना चाहिए। 2 ने इसमें बिक्री की राय दी है।