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कोरोना वायरस के चलते गिरा कच्चे तेल का दाम

कोरोना वायरस के कहर का असर कच्चे तेल पर

कोरोना वायरस का कहर बढ़ने से सोमवार को कच्चे तेल की कीमतों में काफी गिरावट आई है। ऑयल मार्केट में इस बात को लेकर डर बढ़ रहा है कि चीन समेत दुनिया के अन्य देशों में फैले कोरोना वायरस के चलते कच्चे तेल की मांग में कमी आ सकती है। चीन, दुनियाभर में सबसे ज्यादा कच्चा तेल खरीदता है। अमेरिका के बाद चीन कच्चे तेल का सबसे बड़ा कंज्यूमर है।

ब्रेंट और यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड का दाम आज 1.4 फीसदी की गिरावट के साथ 56 डॉलर प्रति बैरल के नीचे लुढ़क गया। कई एयरलाइंस कंपनियों ने चीन को जाने वाली अपनी फ्लाइट्स की संख्या घटाई है। पिछले हफ्ते तक कच्चा तेल लगातार चौथे हफ्ते गिरकर बंद हुआ था। जनवरी में ब्रेट क्रूड का दाम 12 फीसदी लुढ़का था।

जनवरी मे 15 प्रतिशत तक कम हो गया था दाम

अमेरिकी पश्चिम टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड का भाव 50 सेंट गिरकर 51 डॉलर प्रति बैरल के आसपास आ गया। आज शुरुआती कारोबार में यह 50.42 तक लुढ़क गया था। जनवरी महीने में इसका दाम 15.6 फीसदी लुढ़क गया था। जनवरी में चीन में औद्योगिक उत्पादन स्थिर रहा, जबकि विश्लेषकों का कहना है कि फरवरी में इसमें बड़ी गिरावट की उम्मीद है। देश में वायरस का प्रकोप काफी बढ़ गया है।
इस बीच, खबर है कि पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके सहयोगी देश अपनी प्रस्तावित बैठक की तारीख में बदलाव कर सकते हैं। माना जा रहा है कि इसी महीने ओपेक देश बैठक कर सकते हैं। ओपेक देशों की मार्च में बैठक होने वाली थी। लेकिन कोरोना वायरस के चलते तारीख बदलने की संभावना है। इस बैठक में कोरोना वायरस को लेकर कच्चे तेल की मांग पर असर पड़ने की संभावनाओं पर चर्चा हो सकती है।

एक झलक:

  • ब्रेंट और यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड का दाम आज 1.4 फीसदी की गिरावट के साथ 56 डॉलर प्रति बैरल के नीचे लुढ़क गया।
  • कई एयरलाइंस कंपनियों ने चीन को जाने वाली अपनी फ्लाइट्स की संख्या घटाई है।
  • पिछले हफ्ते तक कच्चा तेल लगातार चौथे हफ्ते गिरकर बंद हुआ था। जनवरी में ब्रेट क्रूड का दाम 12 फीसदी लुढ़का था।
  • पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके सहयोगी देश अपनी प्रस्तावित बैठक की तारीख में बदलाव कर सकते हैं।
  • माना जा रहा है कि इसी महीने ओपेक देश बैठक कर सकते हैं।
  • ओपेक देशों की मार्च में बैठक होने वाली थी।
  • लेकिन कोरोना वायरस के चलते तारीख बदलने की संभावना है।
  • इस बैठक में कोरोना वायरस को लेकर कच्चे तेल की मांग पर असर पड़ने की संभावनाओं पर चर्चा हो सकती है।