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गुजरात में 170 फीसदी की दर से बढ़ा आलू उत्पादन: मोदी

विश्व आलू सम्मेलन-2020 को पीएम मोदी ने किया संबोधित

बीते 10-11 साल में जहां भारत का कुल आलू उत्पादन 20 फीसदी की दर से बढ़ा है, वहीं गुजरात में 170 फीसदी की दर से बढ़ा है। गुजरात में आलू उत्पादन की क्वांटिटी और क्वालिटी में यह वृद्धि बीते दो दशक में की गई नीतिगत पहल, नीगितगत फैसले और सिंचाई की आधुनिक और पर्याप्त सुविधाओं के कारण हुई है। आलू की उत्पादकता के मामले में गुजरात देश का पहले नंबर का राज्य है और प्रदेश के किसान इसलिए अभिनंदन के अधिकारी हैं। ये बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहीं|वे वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए अहमदाबाद में आयोजित तीन दिवसीय विश्व आलू सम्मेलन-2020 को संबोधित कर रहे थे।

निर्यात में भी अव्वल गुजरात:

प्रधान मंत्री ने कहा कि, बीते दो दशकों में गुजरात देश में आलू का उत्पादन और निर्यात का हब बनकर उभरा है। बेहतर नीतिगत फैसलों के कारण आज देश के बड़े आलू प्रसंस्करण इकाइयां गुजरात में हैं |ज्यादातर आलू निर्यात भी गुजरात से होता है। उन्होंने कहा कि गुजरात में कोल्ड स्टोरेज का एक बड़ा और आधुनिक नेटवर्क है, जिनमें अनेक विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही, सुजलां सुफलां और सौणी योजना के माध्यम से गुजरात के उन क्षेत्रों में भी सिंचाई की सुविधा पहुंची है जो कभी सूखे से प्रभावित रहते थे।

12 हजार करोड़ रूपये किसानों के खाते में:

प्रधानमंत्री ने इस अवसर सरकार द्वारा किये गये किसानों के हित संवर्धन संबंधित कार्यों का विवरण भी दिया|उन्होंने बताया कि जनवरी की शुरुआत में, एक साथ 6 करोड़ किसानों के बैंक खातों में, 12 हजार करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर करके एक नया रिकॉर्ड भी बनाया गया है|सरकार आगे भी खेती को लाभकारी बनाने के लिए फूड प्रोसिसिंग और डिस्ट्रीब्यूशन का एक व्यापक नेटवर्क तैयार करने के प्रयासों में जुटी हुई है| आगामी पांच साल में इन तमाम प्रयास में हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे|मोदी ने बताया कि फूड प्रोसेसिंग से जुड़े सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं| इस सेक्टर को 100% FDI के लिए खोलने का फैसला भी ऐसी ही एक कोशिश है|

तीसरा विश्व आलू सम्मेलन :

तीसरा विश्व आलू सम्मेलन इस बार अहमदाबाद में आयोजित किया जा रहा है|दुनिया के विभिन्न देशों से आये वैज्ञानिक  हज़ारों किसान भाग ले रहे हैं|इस सम्मेलन के अगले तीन दिनों में पौध रोपण सामग्री, आपूर्ति श्रृंखला की कमी, खेती के बाद होने वाले नुकसान, फूड प्रोसेसिंग बढ़ाने की आवश्‍यकता, निर्यात और विविध उपयोग तथा आवश्‍यक नीतिगत सहायता – यानी लंबी दूरी के परिवहन, निर्यात संवर्धन के लिए उत्‍पादन और प्रमाणित बीजों का इस्‍तेमाल जैसे मुद्दों पर व्यापक चर्चा होगी| तीन दिवसीय इस सम्मेलन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे| जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री विजयभाई रूपाणी और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला समेत कृषि विभाग के अधिकारी और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा ने भी पहले दिन इस सम्मेलन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई|