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चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ रहेगी 5%

ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) ग्रोथ 4.9%

भारतीय अर्थव्यवस्था की आर्थिक सुस्ती चिंता का सबब बन चुकी है|इसके साथ ही GDP की गिरावट विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के लिए मुश्किल चुनौती बन चुकी है|इस बीच मोदी सरकार ने लगातार अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के कदम उठाये हैं|हालांकि अभी तक इन सुधारों का लाभ जीडीपी के स्तर पर नजर नहीं आया है|इस दौरान RBI समेत तमाम वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने जीडीपी में और गिरावट का अनुमान व्यक्त किया है|इसी क्रम में अब केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 5% रहने का अनुमान व्यक्त किया है|

ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) की अनुमानित ग्रोथ 4.9%

भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं| केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) ने चालू वित्त-वर्ष में जीडीपी ग्रोथ को लेकर जारी अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ 5% रह सकती है|जबकि ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) की अनुमानित ग्रोथ 2019-20 में 4.9 फीसदी है|बता दे कि ये ग्रोथ  2018-19 में 6.6 फीसदी थी| केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय का यह पूरे वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विकास दर का यह पहला आकलन है|CVO का दूसरा अनुमान 1 फरवरी को बजट के बाद  पेश किया जाएगा|

जीडीपी में लगातार गिरावट:

भारतीय GDP में गिरावट का सिलसिला बीते कुछ तिमाहियों से लगातार जारी है|मंगलवार को सरकार द्वारा प्रस्तुत जीडीपी के पूर्वानुमान के आंकड़ों में भी ग्रोथ कम रहने का अनुमान लगाया गया है| काबिलेगौर है कि 2018-19 में वास्तविक ग्रोथ 6.8% रही थी| जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी थी| अब सांख्यिकी मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक जीडीपी 5 फीसदी रह सकती है| इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पहले ही अपना पूर्वानुमान घटा चुका है| आरबीआई ने भी वित्त वर्ष के लिए 5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान जताया है| बता दें कि CSO के ये आंकड़े ऐसी समय में आये हैं जब भारतीय अस्थ्व्यव्स्था सुस्ती के संकट से जूझ रही है| विगत जून-सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ घटकर 6 साल के निचले स्तर 4.5 फीसदी पर पहुंच गई है|