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जनवरी में भी रहेगा महंगाई का आतंक – SBI

महंगाई दर 7 प्रतिशत से ऊपर रहेगी

दिसंबर में नई ऊंचाइयों को छूने के बाद जनवरी में भी महंगाई की रफ्तार कायम रहेगी। भारतीय स्टेट बैंक (SBI Research Report) एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार सब्जियों के दामों में हुई बढ़ोत्तरी को देखते हुए जनवरी महीने के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति 8 प्रतिशत से ऊपर जा सकती है। हालांकि  उसके बाद इसके नरम पड़ने की उम्मीद है। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मार्च तक खुदरा महंगाई दर 7 फीसदी से ऊपर बनी रह सकती है. इसे देखते हुए आरबीआई को मोनेट्री पॉलिसी में ब्याज दरें मौजूदा स्तर पर ही बरकरार रखनी पड़ सकती है।

गतिहीन मुद्रास्फीति में जा सकते हैं

SBI की रिसर्च रिपोर्ट में के अनुसार अगर खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में कमी नहीं आती है, हम गतिहीन मुद्रास्फीति (स्टैगफ्लेशन) की स्थिति में जा सकते है जहां आर्थिक वृद्धि कमजोर रहने के साथ महंगाई दर ऊंची होती है। रिपोर्ट में महंगाई दर में वृद्धि का प्रमुख कारण प्याज, आलू और अदरक के दाम में जोरदार तेजी है।इसके अलावा दूरसंचार शुल्क में वृद्धि के कारण मुद्रास्फीति में 0.16 प्रतिशत का प्रभाव पड़ा है।इसे देखते हुए सीपीआई आधारित महंगाई दर इस महीने 8 प्रतिशत के ऊपर निकल सकती है। हालांकि उसके बाद स्थिति में सुधार की संभावना है।महंगाई दर में वृद्धि को देखते हुए रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति और वृद्धि के अनुमानों पर पुनर्विचार करने के लिये बाध्य हो सकता है।लेकिन हमारे विचार से रुख में बदलाव अवांछित होगा।इसका कारण खपत में उल्लेखनीय रूप से कमी है।

महंगाई दर 7 प्रतिशत से ऊपर रहेगी

रिपोर्ट के अनुसार महंगाई दर चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में लगभग 7 प्रतिशत की दर से ऊंची बनी रह सकती है।रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक के पास दिसंबर में नीतिगत दर में कटौती का अच्छा मौका था। उस समय अक्टूबर में मुद्रास्फीति 4.62 प्रतिशत थी।खाद्य वस्तुओं के दाम में अगर नरमी नहीं आती है,तो  लोग महंगी सब्जी के बजाए दाल, अंडा, मांस के उपभोग को बढ़ा सकते हैं जिससे इनकी कीमतें बढ़ सकती हैं।SBI रिपोर्ट में सीपीआई की गड़ना के तरीके पर भी पुनर्विचार पर जोर दिया गया है।

इसमें कहा गया है, ‘‘केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) सीईएस (प्रतिस्थापन का स्थिर लोचशीलता) सर्वे का उपयोग करता है।इससे सीपीआई आधारित महंगाई दर में 2 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। सीपीआई के अनुमान में इस तरीके पर विचार करने की जरूरत है।विदित हो कि सोमवार को जारी खुदरा महंगाई दर दिसंबर 2019 में उछलकर 94 महीनों के उच्च स्तर 7.35 प्रतिशत पहुंच गयी। यह इससे पिछले महीने नवंबर में 5.54 प्रतिशत थी।ऐसे में sbi की इस रिपोर्ट के मायने और भी बढ़ जाते हैं।