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जानीये बजट-2020 से LTCG क्यों नहीं हटाया गया?

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने LTCG से संबंधित प्रश्न का उत्तर उत्तर दिया

बजट-2020 से हर सेक्टर को काफी उम्मीदें थी| हर वर्ग बजट में आशाओं को शामिल कराना चाहता है|ऐसा ही एक वर्ग है निवेशकों का | निवेशकों के निवेश पर शेयर बाजार की चाल निर्भर करती है|बजट में उनके अनुकूल प्रावधान न होने का प्रभाव बाजार पर साफ़ नजर आ रहा है|निवेशक चाहते थे कि निवेश पर लांग टर्म कैपिटल गेन्स कर समाप्त किया जाए|अब जबकि बजट-2020 पेश हो चुका है तो तस्वीर साफ़ हो गयी है|वित्त मंत्री ने LTCG को यथावत रखने का फैसला किया है| आइये जानते हैं सरकार ये निर्णय क्यों लिया?

वित्त मंत्री ने कहा कि…

बजट में लांग टर्म कैपिटल गेन्स (एलटीसीजी) कर हटाने का फैसला इसलिए नहीं लिया गया, क्योंकि सरकार को इससे अब तक कोई फायदा नहीं मिला। बाजार की स्थिति खराब रहने के कारण इस कर की उपयोगिता की जांच नहीं हो पाई, इसलिए सरकार इससे प्राप्त रिटर्न का आकलन नहीं कर पाई है। ये जवाब वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में LTCG कर से संबंधित पूछे गए सवाल के जवाब में कही। वित्तमंत्री आईएएनएस न्यूज़ एजेंसी के बजट-2020 से संबंधित प्रश्नों का उत्तर दे रही थी|

हमें कोई बड़ा रिटर्न नहीं मिला:

वित्त मंत्री ने बताया कि LTCG दो साल पहले लाई गई थी। इससे कुछ फासदा हम देखते कि इससे पहले बाजार ने गोता लगाया और इससे हमें कोई बड़ा रिटर्न नहीं मिला।अगर बाजार ऊंचा होता तो हम यह आकलन कर पाते कि इससे हमें कितनी राशि मिली। हमें कोई फायदा नहीं मिला इसलिए यह यथावत है।उन्होंने कहा कि बाजार ही नहीं बल्कि अनेक दूसरे लोगों की भी मांग थी। हमने कुछ समायोजन करने की कोशिश की। हमने DDT का समायोजन किया, लेकिन एलटीसीजी का नहीं।

निवेशकों का अनुमान था सरकार इसे वापस लेगी:

निवेशकों ने बजत पूर्व परामर्श बैठकों में LTCG कर हटाने का आग्रह भी किया था|अतः निवेशकों को आशा बजट-2020 में इसके संपत होने की उम्मीद थी|शेयर बाजार से जुड़े अधिकांश लोगो  का अनुमान था कि सरकार इसे वापस ले सकती है। लांग टर्म कैपिटल गेन दरअसल दीर्घ निवेश अवधि से हुए मुनाफे पर लगने वाला कर है|एक साल से अधिक समय के म्यूचुअल फंड इक्विटी में निवेश पर रिटर्न को लांग टर्म कैपिटल गेन्स कहा जाता है और इस पर किसी वित्त वर्ष में एक लाख रुपये से अधिक की रकम पर 10 फीसद कर लगता है। विदित हो कि पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इसे 2016 में दोबारा शुरू किया था। LTCG वापस न लेने की सफाई देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि,अगर कर बहुत कुछ नहीं दे रहा है, जो उसे वापस लेना सही नहीं है क्योंकि हमें इसका आकलन नहीं भी नहीं है कि इससे क्या मिलेगा।