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जापान के कपड़ा, परिधान उद्योग के अध्ययन को सरकार ने प्रस्ताव मांगे

सरकार वर्तमान में सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने की कोशिश में जुटी है

सरकार वर्तमान में सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा देने की कोशिश में जुटी है। आगामी बजट 2020 में भी इसे लेकर  कुछ महत्वपूर्ण फैसले की उम्मीद जताई जा रही है। इसी सिलसिले में घरेलू निर्यात को प्रोत्साहन देने और परस्पर सहयोग बढाने के मकसद से केंद्र सरकार ने जापान के कपड़ा और परिधान उद्योग पर अध्ययन के लिए परामर्श कंपनियों से प्रस्ताव मांगे हैं।

जो कम्पनियां चयनित होंगी वो कंपनी भारत और जापान के बीच भागीदारी वाले क्षेत्रों का आकलन करेगी। इसमें भारत के साथ वृहद आर्थिक भागीदारी करार (सीईपीए), विभिन्न व्यापार भागीदारों से मिली शुल्क प्राथमिकता, दुनिया में जापान के सबसे अधिक व्यापार वाले उत्पादों, भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार, भारतीय निर्यातकों के समक्ष आने वाले शुल्क और गैर शुल्क मुद्दे शामिल हैं।

मुख्य बिंदु

  • सरकार ने जापान के कपड़ा और परिधान उद्योग पर अध्ययन के लिए परामर्श कंपनियों से प्रस्ताव मांगे हैं।
  • घरेलू निर्यात को प्रोत्साहन देना और परस्पर सहयोग बढाना है सरकार का मकसद।
  •  चयनित कम्पनियां भारत और जापान के बीच भागीदारी वाले क्षेत्रों का आकलन करेगी।
  • परामर्श कंपनी जापान द्वारा किए गए विभिन्न व्यापार करारों का विश्लेषण भी करेगी।
  • अध्ययन में उद्योग के आकार और ढांचे, इकाइयां, आयात समूहों की भूमिका को भी शामिल किया जाएगा।
  • घरेलू बाजार का आकार, घरेलू खपत का रुख भी अध्धयन के सार में दिखाई देंगे।

इसके अलावा परामर्श कंपनी जापान द्वारा किए गए विभिन्न व्यापार करारों का विश्लेषण भी करेगी। प्रस्तावित अध्ययन के तहत उद्योग के आकार और ढांचे, प्रमुख इकाइयां, जापान के आयात समूहों की भूमिका, घरेलू बाजार का आकार, घरेलू खपत का रुख और जापान की अर्थव्यवस्था में क्षेत्र के योगदान को भी शामिल किया जाएगा।