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टाटा संस-मिस्त्री विवाद पर 10 जनवरी को सुनवाई करेगी सुप्रीमकोर्ट

टाटा संस को सुप्रीमकोर्ट में अपील करने के लिए चार हफ़्तों का समय दिया था

टाटा संस-मिस्त्री विवाद में एक नया मोड़ आया है| टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (TSPL) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 10 जनवरी को सुनवाई करेगा, जिसमें टाटा समूह के कार्यकारी अध्यक्ष के पद पर साइरस मिस्त्री को बहाल करने के NCLAT के फैसले को चुनौती दी गई है| शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर मंगलवार को दर्शाया गया कि प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ के समक्ष याचिका को सूचीबद्ध किया जाना है|

TSPL ने दी है फैसले को चुनौती

TSPL ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण (NCLAT) के 18 दिसंबर के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें साइरस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और मिस्त्री को बड़ी राहत देते हुए उन्हें TSPL के कार्यकारी अध्यक्ष पद पर बहाल करने का आदेश दिया गया था| साथ ही NCLAT ने अपने आदेश में कहा था कि एन. चंद्रशेखरन की टाटा संस के प्रमुख के पद पर नियुक्ति अवैध थी|

मिस्त्री टाटा समूह में नहीं लौटेंगे

मिस्त्री ने इस दौरान रविवार को एक बयान में कहा कि टाटा समूह में वापस लौटने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है और यह निर्णय समूह के हित में लिया गया है, जिसका हित किसी भी व्यक्तिगत हितों से अधिक महत्वपूर्ण है| ज्ञात हो कि शापूरजी पालोनजी परिवार के साइरस मिस्त्री दिसंबर, 2012 में रतन टाटा के स्थान पर टाटा संस के कार्यकारी अध्यक्ष बने थे| इस पद की वजह से वह टाटा पावर और टाटा मोटर्स जैसी टाटा समूह की सभी सूचीबद्ध कंपनियों के मुखिया बन गए थे|

NCLAT ने ROC की अपील को था ठुकराया 

इससे पूर्व सोमवार को टाटा सन्स विवाद में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने अपने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (ROC) से संबंधित फैसले में संशोधन करने से इनकार कर दिया था| ROC ने NCLAT से यह अपील की थी| ROC चाहता था कि ट्रिब्यूनल 18 दिसंबर के अपने फैसले में से उसके खिलाफ इस्तेमाल किए हुए टर्म ‘गैर-कानूनी और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की मदद से’ को हटा लें| ट्रिब्यूनल ने कहा था कि टाटा सन्स के बोर्ड ने ROC की मदद से कंपनी को पब्लिक के प्राइवेट में बदल दिया| ROC का ऐसा करना गैर-कानूनी था| दूसरी ओर ROC की दलील थी कि मंजूरी नियमों के मुताबिक ही दी गई| उसने 23 दिसंबर को ट्रिब्यूनल में याचिका दायर कर फैसले में संशोधन की अपील की थी| इस मामले में ट्रिब्यूनल ने कहा है कि उसके फैसले से ROC पर कोई कलंक नहीं लगा है। फैसले में संशोधन का कोई आधार नहीं है|

विदित है कि टाटा संस के खिलाफ NCLT में केस हारने के बाद सायरस मिस्त्री को NCLAT से राहत मिली थी और उन्हें टाटा समूह का प्रमुख बनाने का आदेश मिला था, मगर साथ ही टाटा संस को सुप्रीमकोर्ट में अपील करने के लिए चार हफ़्तों का समय दिया था|