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नीति आयोग सदस्य: कृषि मे नीतिगत सुधार की जरूरत

कृषि को सुधार की आवशकयता

कृषि मे सुधार की बहुत आवशकयता है। किसानो के हित के ख्याल मे रख कर फैसले लेने की जरूरत है।नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने बुधवार को कहा कि कृषि क्षेत्र के समक्ष किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने और खासकर राज्य स्तर नीतिगत सुधारों को लागू करने में समस्यायें हैं। उन्होंने कृषि उपज और पशुधन विपणन, भूमि पट्टा और अनुबंध खेती के मामले में राज्य स्तर पर केंद्रीय कानून को लागू करने पर भी जोर दिया।

उद्योग मंडल फिक्की में ‘इंडिया कमोडिटी ईयर बुक 2020’ जारी करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी बदलाव का महत्वपूर्ण कारक बन गया है। आज भारत प्रौद्योगिकी और नीतिगत सुधार दोनों के मोर्चे पर गंभीर समस्या का सामना कर रहा है।’’

उन्होंने एक बयान में कहा कि राज्यों को कृषि क्षेत्र के संपूर्ण विकास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिये प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि निजी क्षेत्र को आगे आने की जरूरत है। नीति आयोग के सदस्य ने कहा,‘‘हमें उपयुक्त भूमिका सही लोगों और संस्थानों को देने की जरूरत है।

किसानों को प्रतिस्पर्धी बनाने की ज़ुरूरत

बाजार और निजी क्षेत्र किसानों को प्रतिस्पर्धी कीमत उपलब्ध करा सकते हैं और हमें बाजार के रास्ते में आने वाली बाधाओं को हटाने की जरूरत है।’’उन्होंने कहा कि पहली बार 15वें वित्त आयोग ने राज्यों को प्रदर्शन आधारित अनुदान देने का प्रावधान शामिल किया है ताकि वे कृषि सुधारों को आगे बढ़ा सके।

कुछ का कहना है , ‘‘आयोग ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिये शीर्ष पांच क्षेत्रों को शामिल किया है। इसके लिये राज्यों को अगले साल प्रोत्साहन दिया जाएगा।’’उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में वृद्धि हो रही है लेकिन उत्पादन लागत में वृद्धि हो रही है और इसी कारण भारत निर्यात प्रतिस्पर्धा में पीछे हो रहा है। फिक्की की राष्ट्रीय कृषि समिति के चेयरमैन और टीएएफई लि. के समूह अध्यक्ष टी आर केसवन ने कहा कि बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिये अधिक उपज और बर्बादी को रोकने की जरूरत है।

एक झलक:

  • बाजार और निजी क्षेत्र किसानों को प्रतिस्पर्धी कीमत उपलब्ध करा सकते हैं।
  • हमें बाजार के रास्ते में आने वाली बाधाओं को हटाने की जरूरत है।
  • उन्होंने कहा कि पहली बार 15वें वित्त आयोग ने राज्यों को प्रदर्शन आधारित अनुदान देने का प्रावधान शामिल किया है ताकि वे कृषि सुधारों को आगे बढ़ा सके।
  • आयोग ने कृषि क्षेत्र में सुधार के लिये शीर्ष पांच क्षेत्रों को शामिल किया है।
  • इसके लिये राज्यों को अगले साल प्रोत्साहन दिया जाएगा।
  • नीति आयोग के सदस्य ने कहा,‘‘हमें उपयुक्त भूमिका सही लोगों और संस्थानों को देने की जरूरत है।
  • आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिये अधिक उपज और बर्बादी को रोकने की जरूरत है।